नई दिल्ली: ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर आज दोपहर 2:30 बजे वाराणसी जिला कोर्ट में लंच के बाद सुनवाई होगी. जिला न्यायालय यह तय करेगा कि एएसआई सर्वे रिपोर्ट वादी और अधिवक्ताओं को देनी है या नहीं, और एएसआई सर्वेक्षण रिपोर्ट सीलबंद रहेगी या खुली रहेगी. हिंदू पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा, ''ज्ञानवापी का जो सर्वे एएसआई ने किया था, उसकी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सौंपी गई है. हमने कोर्ट से अपील की थी कि सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट न सौंपी जाए. वहीं मुस्लिम पक्ष ने अपील की कि इसे सीलबंद लिफाफे में होना चाहिए और मामले की कार्यवाही गुप्त रूप से की जानी चाहिए क्योंकि यह एक संवेदनशील मामला है. अब कोर्ट आज तय करेगा कि रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाना चाहिए या नहीं"
एएसआई टीम ने 92 दिनों तक ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण किया था. एएसआई की ओर से किये गए सर्वेक्षण रिपोर्ट को लेकर अंजुमनी ताजमिया ने कहा कि आवेदन दायर किया गया था और कहा गया था कि इसे गुप्त रखा जाना चाहिए. यह बंद कमरे की कार्यवाही नहीं है और न ही एक गुप्त कार्यवाही, इसलिए इसे जनता के सामने या किसी भी तरह से आने से रोका जाना चाहिए. 21 दिसंबर को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने भी कोर्ट से कहा कि एएसआई रिपोर्ट किसी भी पक्ष को न दी जाए, जिस पर हिंदू पक्ष आपत्ति जता रहा है. हिंदू पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 4 अगस्त के अपने आदेश में कहा कि रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में दाखिल नहीं की जाएगी.
ASI की टीम ने 92 दिनों तक ज्ञानवापी परिसर में सर्वे किया था और सीलबंद सर्वे रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी है. इससे पहले इस साल अगस्त में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण करने की अनुमति दी थी.