नई दिल्ली: ED की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली हेमंत सोरेन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया है. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की विशेष पीठ ने हेमंत सोरेन से झारखंड उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को कहा है. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती देते सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. सुप्रीम कोर्ट के तीन न्यायाधीशों की एक विशेष पीठ हेमंत सोरेन की ओर से उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की.
सोरेन ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया था कि उनकी गिरफ्तारी को अनुचित, मनमाना और उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन घोषित किया जाए. दायर याचिका में कहा गया है कि गिरफ्तारी ने सोरेन की स्वतंत्रता पर प्रहार किया है. ईडी अधिकारियों ने केंद्र सरकार के निर्देशों के तहत अनावश्यक विचारों के लिए अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया है, क्योंकि याचिकाकर्ता झारखंड के एक प्रमुख विपक्षी दल के नेता के साथ-साथ इंडिया ब्लॉक का एक सक्रिय घटक है.
सोरेन ने अपनी याचिका में आगे कहा था कि गिरफ्तारी एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा है, जो 2024 आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर उठाया गया कदम उठाया है. केंद्र के इशारे पर ईडी की कार्रवाई का उद्देश्य उनकी लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को गिराना था. उन्हें राजभवन से गिरफ्तार किया गया था जब वह अपनी पार्टी और अपने सहयोगियों के विधायकों के साथ मुख्यमंत्री के रूप में अपना इस्तीफा देने गए थे, जिनके पास राज्य विधानसभा में स्पष्ट बहुमत है. सोरेन ने कहा कि 29 जनवरी को उनके दिल्ली आवास से 36 लाख रुपये की कथित बरामदगी गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकती.