नई दिल्ली: बिहार में जातीय जनगणना को लेकर पटना हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. जातीय जनगणना से संबंधित सभी याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने एक साथ क्लब किया है. पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर कहा यह था कि इस मामले में अन्य सभी पक्षों को सुने बिना फैसला नहीं लिया जा सकता है. आपको बता दें इस याचिका पर पिछली सुनवाई 18 अगस्त को हुई थी.
बिहार सरकार रखेगी पक्ष
जातीय जनगणना के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में आज बिहार सरकार अपना पक्ष रखेगी. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट में अन्य सभी पक्ष को भी सुना जाएगा. गौरतलब है कि जातीय जनगणना के मुद्दे पर पटना हाईकोर्ट की तरफ से बिहार सरकार को हरी झंडी दे दी गई थी जिसके बाद सरकार की ओर से जातीय जनगणना का कार्य भी शुरू कर दिया गया है.
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बिहार में सर्वे का काम पूरा
गौरतलब है कि इस याचिका पर पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि बिहार में सर्वे का काम पूरा हो चुका है और आंकड़े भी ऑनलाइन अपलोड की जा रही है. इसके बाद एक याचिका दायर कर यह मांग की गई थी जातीय जनगणना का ब्योरा रिलीज नहीं किया जाए जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 21 अगस्त तक टाल दी गई थी.
जातीय जनगणना का क्या है मकसद
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अनुसार जातीय जनगणना का मकसद सिर्फ और सिर्फ लोगों की आर्थिक स्थिति और उनकी जाति से संबंधित जानकारी लेना है ताकि उनकी बेहतरी के लिए योजना बनाई जा सके. गौरतलब है कि सरकार की तरफ से जातीय जनगणना और आर्थिक सर्वेक्षण को लिए 500 करोड़ रुपए की राशि अलॉट की गई है.
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