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India Daily

'भारत में हिंदू-मुसलमानों के बीच नफरत बड़ी वजह..', मालदीव विवाद के बीच ये क्या बोल गए फारूक अब्दुल्ला

PM मोदी के खिलाफ मालदीव के मंत्रियों की टिप्पणियों को लेकर भारत और मालदीव के कूटनीतिक रिश्तों में उथल पुथल देखने को मिल रही है. नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि देश में मुसलमानों के खिलाफ बढ़ती नफरत का इससे कुछ लेना-देना हो सकता है.

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Edited By: Avinash Kumar Singh
Farooq Abdullah

हाइलाइट्स

  • मालदीव विवाद के बीच फारूक अब्दुल्ला का बड़ा बयान
  • 'भारत में हिंदू-मुसलमानों के बीच नफरत बड़ी वजह'

नई दिल्ली: PM मोदी के खिलाफ मालदीव के मंत्रियों की टिप्पणियों को लेकर भारत और मालदीव के कूटनीतिक रिश्तों में उथल पुथल देखने को मिल रही है. नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि देश में मुसलमानों के खिलाफ बढ़ती नफरत का इससे कुछ लेना-देना हो सकता है.

'क्या देश में मुसलमानों के प्रति बढ़ती नफरत का इससे कोई लेना-देना?'

अपने बयान में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा "भारत हमेशा मालदीव के साथ खड़ा रहा है. जब देश पर किसी विदेशी शक्ति के कब्जा होने का ख़तरा हुआ, तो हमारी सेनाएं वहां गई. अपने लोगों को बचाया और उनकी एक इंच भी ज़मीन पर कब्ज़ा किए बिना अपने वतन लौट आई. इसलिए मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि यह विवाद किस कारण से उत्पन्न हुआ. क्या देश में मुसलमानों के प्रति बढ़ती नफरत का इससे कोई लेना-देना है? केवल विदेश मंत्री ही जवाब दे सकते हैं. चीन का प्रभाव हिंद महासागर क्षेत्र और भारतीय उपमहाद्वीप में बढ़ रहा है. यह न केवल मालदीव बल्कि नेपाल, पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी स्पष्ट है. हमारी सरकार बातचीत के माध्यम से मामलों को सुलझाने की कोशिश कर रही है लेकिन यह एक सफलता है. इसे केवल तभी हासिल किया जा सकता है जब चीन सही इरादा दिखाए. भारत और चीन वैसे ही दोस्त हो सकते हैं जैसे वे पहले हुआ करते थे. जवाहरलाल नेहरू के समय में जब पंचशील समझौता पर हस्ताक्षर किए गए थे.

फारूक अब्दुल्ला ने अपने बयान में आगे कहा "नई दिल्ली पिछले वर्षों में द्वीप देश के साथ कैसे खड़ी रही और यहां तक ​​कि इसे एक विदेशी शक्ति द्वारा कब्जा करने से भी रोका गया, वह यह समझने में असमर्थ थे कि मालदीव के नेताओं ने इस तरह से प्रतिक्रिया क्यों की."

पीएम मोदी का समर्थन में उतरे शरद पवार

इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी एनसीपी नेता शरद पवार ने पीएम मोदी का समर्थन करते हुए कहा कि किसी दूसरे देश में जिम्मेदार सार्वजनिक पद पर बैठे नेता के लिए उनके खिलाफ ऐसी टिप्पणी करना स्वीकार्य नहीं है. वह हमारे प्रधानमंत्री हैं और अगर किसी अन्य देश में कोई नेता उनके बारे में ऐसी टिप्पणी करता है, तो हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया कि 2014 में देश की बागडोर संभालने के बाद से पीएम मोदी को हर चीज को व्यक्तिगत रूप से लेने की आदत हो गई है. हमें अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध विकसित करना चाहिए. हमें जरूरतों के अनुसार कार्य करना चाहिए. ऐसे समय में जब हम अपने पड़ोसियों को नहीं बदल सकते.