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'भोले बाबा' को ना तो आरोपी बनाया, ना ढूंढ पाई पुलिस, हाथरस भगदड़ के पीड़ितों को कैसे मिलेगा न्याय?

Hathras Stampede Update: हाथरस में हुई भगदड़ में सैकड़ों लोगों की मौत के बावजूद उस बाबा के खिलाफ केस नहीं दर्ज किए गए हैं जिसने प्रवचन किया था. पुलिस अभी तक न तो उस बाबा को ढूंढ पाई है और न ही उस बाबा ने सामने आकर कुछ कहा है. पुलिस ने बाबा के मुख्य सेवादार और सत्संग के आयोजक का नाम एफआईआर में डाला है. मैनपुरी आश्रम पर गई पुलिस का कहना है कि बाबा वहां पर नहीं है.

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उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई भगदड़ में 120 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. सैकड़ो लोग बुरी तरह घायल हुए हैं. इस कार्यक्रम को लेकर तमाम अव्यवस्थाओं की बातें सामने आ रही हैं. इतने लोगों की जान जाने के बावजूद उत्तर प्रदेश पुलिस की एफआईआर में प्रवचन करने वाले 'भोले बाबा' का नाम ही नहीं है. हादसा हुए 24 घंटे होने वाले हैं लेकिन अभी तक इस भोले बाबा को पुलिस नहीं ढूंढ पाई है. घटनास्थल पर मौजूद रहे लोगों का कहना है कि बाबा के जाने के बाद भीड़ उनके पीछे भागी थी और इसी की वजह से भगदड़ मच गई थी. इस हादसे पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह जरूर कहा है कि कोई भी दोषी हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा.

रिपोर्ट के मुताबिक, घटनास्थल पर जब हादसा हुआ तब भोले बाबा वहां से जा चुके थे. बाद में मैनपुरी के आश्रम में बाबा की तलाश की गई लेकिन वह कहीं नहीं मिले. अभी तक बाबा का कोई अता-पता भी नहीं है कि वह कहां चले गए. पहले यूपी पुलिस में काम कर चुके भोले बाबा के बारे में तरह-तरह की बातें जरूर सामने आ रही हैं लेकिन अभी तक वह खुद सामने नहीं आए हैं. इस बारे में बाबा की ओर से कोई बयान भी नहीं आया है और न ही उनका पक्ष रखा गया है.

आइए विस्तार से समझते हैं कि कहां-कहां हुई चूक:-

  • हाथरस हादसे के बाद एक एफआईआर दर्ज की गई है. सिकंदरा राव थाने में दर्ज हुई एफआईआर में मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर और अन्य आयोजकों का नाम है. यानी बाबा का नाम अभी तक एफआईआर में नहीं है.
  • इस हादसे को लेकर भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास जिसमें किसी की हत्या न हो), धारा 110 (गैर इरादतन हत्या को उकसाना), धारा 126 (2), धारा 223 और धारा 238 के तहत केस दर्ज किया गया है.
  • एफआईआर में बताया गया है कि कथा का आयोजन सूरज पाल नाम के शख्स ने कराया था. हाथरस के फुलरई मुगलगढ़ी गांव में आयोजित इस कथा में प्रवचन देने के लिए साकार विश्व हरि उर्फ नारायण उर्फ भोले बाबा ने प्रवचन दिया.
  • देवप्रकाश मधुकर ने प्रशासन से 80 हजार लोगों की अनुमति ली थी लेकिन यहां लगभग 2.5 लाख लोग इकट्ठा हुए. एफआईआर के मुताबिक, इतनी भीड़ के चलते सड़क पर जाम लग गया था और गाड़ियों का आवागमन रुक गया था.
  • भोले बाबा मूल रूप से कासगंज का रहने वाला है. 18 साल पुलिस की नौकरी करने वाले इस बाबा के खिलाफ अपनी भाभी पर अत्याचार करने जैसे मामले भी चल रहे हैं.
  • मैनपुरी के बिछवां में रामकुटी चैरिटेबल ट्रस्ट का आश्रम है.आशंका जताई जा रही है कि इसी आश्रम में वह छिपा है. हालांकि, अंदर गए पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वह अंदर नहीं है.