Haryana Trust Vote: हरियाणा के नए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज विधानसभा में विश्वास मत जीत लिया. इससे पहले सैनी सरकार का दावा किया था कि उनकी सरकार विश्वास मत हासिल कर लेगी. उनके पास राज्य में सरकार बनाने के लिए जादुई आंकड़ा मौजूद है.
भाजपा को जादुई आंकड़े के लिए 5 और विधायकों की जरूरत थी. भाजपा का दावा था कि उसके पास अपने 41 विधायक हैं. इसके अलावा, राज्य के 6 निर्दलीय और हरियाणा लोकहित पार्टी के एक विधायक का भी समर्थन है. 90 सीटों वाली विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 46 विधायकों की जरूरत है.
हरियाणा विधानसभा में सैनी सरकार के विश्वास मत के बीच जननायक जनता पार्टी यानी JJP में दरार दिखने लगी है. पार्टी की ओर से व्हिप जारी होने के बावजूद जेजेपी के चार विधायक आज विधानसभा पहुंचे. विश्वास मत पेश होने से पहले जेजेपी की ओर से व्हिप जारी कर सभी विधायकों को सदन से गैरहाजिर रहने को कहा गया था. इसके पहले भी जब दुष्यंत सिंह चौटाला ने मंगलवार को दिल्ली में जेजेपी विधायकों की बैठक बुलाई थी, जिसमें उनके पांच विधायक नहीं पहुंचे थे.
जेजेपी की ओर से अपने विधायकों को अविश्वास प्रस्ताव के दौरान अनुपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी करने के बावजूद, जेजेपी के चार विधायक जिनमें देवेंद्र बबली, राम कुमार गौतम, ईश्वर सिंह और जोगी राम सिहाग सदन पहुंचे. कल यानी मंगलवार को अपने कैबिनेट मंत्रियों के साथ मनोहर लाल खट्टर के अचानक पद से इस्तीफा देने के कुछ घंटों बाद, हरियाणा भाजपा चीफ नायब सिंह सैनी ने नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. BJP-JJP के बीच गठबंधन खत्म होने के बाद, भाजपा बहुमत के आंकड़े को पार करने के लिए छह निर्दलीय विधायकों और हरियाणा लोकहित पार्टी (एचएलपी) के गोपाल कांडा के समर्थन पर निर्भर है.
फिलहाल 90 सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी के 41 विधायक हैं. जेजेपी के पास 10 सीटें हैं और कांग्रेस के पास 30 सीटें हैं. 7 निर्दलीय विधायक हैं और इंडियन नेशनल लोक दल (आईएनएलडी) और हरियाणा लोकहित पार्टी के एक-एक विधायक हैं. लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर बीजेपी-जेजेपी गठबंधन में तनाव था. जेजेपी राज्य की 10 में से 2 लोकसभा सीटों की मांग कर रही थी, लेकिन भाजपा ने एक भी सीट देने से इनकार कर दिया था, जिसकी वजह से गठबंधन टूट गया था.
मंगलवार को हरियाणा में चले राजनीतिक घटनाक्रम के बीच भाजपा के सीनियर नेता अनिल विज के नाराज होने की खबर आई. कहा गया कि वे भाजपा विधायक दल की बैठक से नाराज होकर बाहर निकल गए. हालांकि, बाद में उन्होंने बयान दिया और कहा कि मैं भाजपा का भक्त हूं और पार्टी के लिए लगातार काम करता रहूंगा. आज हरियाणा विधानसभा में विश्वास मत के पेश होने से पहले अनिल विज ने कहा कि परिस्थितियां बदलती रहती हैं, लेकिन हर स्थिति में मैंने भाजपा के लिए काम किया है. मैंने अब तक जो किया है, उससे भी अधिक करूंगा.