menu-icon
India Daily

Anil Vij: नायब सैनी को CM बनाये जाने से नाराज अनिल विज! जानें हरियाणा के इस सियासी क्षत्रप की कहानी?

Anil Vij: BJP प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी ने मंगलवार शाम हरियाणा के 11वें मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इस दौरान हरियाणा बीजेपी के कद्दावर नेता अनिल विज की गैरमौजूदगी चर्चा के केंद्र में है. चर्चा है कि विज CM न बनाएं जाने से नाराज है हालांकि बीजेपी के बड़े नेता उनके मान-मनौव्वल में जुटे हुए हैं.

auth-image
Edited By: Avinash Kumar Singh
Anil Vij

Anil Vij: मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे के बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. जब नायब सिंह सैनी ने हरियाणा के नए मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे थे उस समय एक नेता की गैरमौजूदगी चर्चा के केंद्र में रही. उनका नाम हैं हरियाणा बीजेपी के दिग्गज नेता अनिल विज. वो मंगलवार को बीजेपी विधायक दल की बैठक बीच में ही छोड़कर चले गए थे. उसके बाद राजभवन में आयोजित शपथ समारोह में भी शामिल नहीं हुए. चर्चा है कि विज इस बात से नाराज थे कि पार्टी ने उन्हें नजरअंदाज कर सैनी को बतौर CM फेस आगे बढ़ाने का फैसला किया है. 

मनोहर लाल खट्टर ने अनिल विज की नाराजगी पर कहा कि अनिल विज पार्टी के काफी वरिष्ठ नेता हैं. यह उनका स्वभाव है कि वह कभी-कभी नाराज भी हो जाते हैं और जल्द ही मान भी जाते हैं. नए सीएम नायब सिंह सैनी भी अनिल विज से बात करेंगे. सियासी गलियारों में चल रही चर्चाओं की मानें तो जैसे ही विधायक दल की बैठक में नायब सैनी के नाम का प्रस्ताव CM पद के लिए रखा गया वैसे ही अपनी नाराजगी का इजहार करते हुए विज मीटिंग से बाहर चले गए. 

अनिल विज के अगले कदम को लेकर अटकलों का बाजार गर्म 

दिलचस्प बात यह है कि अनिल विज नई-नवेली हरियाणा सरकार में कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है. ऐसे में उनका सैनी कैबिनेट में शामिल न होना कई सवाल खड़े करता है. पहले ऐसी अटकलें लगाई जा रही थी कि अनिल विज उप मुख्यमंत्री बन सकते है लेकिन देर शाम शपथ ग्रहण में हिस्सा न लेकर उन्होंने चर्चाओं पर विराम लगा दिया. आलाकमान के फैसला से नाराज अनिल विज अपने शहर अंबाला में गोलगप्पे का मजा लेते हुए नजर आएं.

जानें कौन हैं अनिल बिज? 

अनिल विज हरियाणा की अंबाला कैंट विधानसभा से छठी बार विधायक हैं. बतौर कुशल संगठनकर्ता अनिल विज की पहचान एक तेज तर्रार नेता के रूप में होती है. अनिल विज ने राजनीति की शुरूआत छात्र संगठन एबीवीपी से की है. अंबाला कैंट स्थित एसडी कॉलेज में पढ़ाई के दौरान एबीवीपी में शामिल हुए और 1970 में अनिल विज को एबीवीपी महासचिव का बनाया गया. साल 190 में एसबीआई की नौकरी छोड़कर पहली बार अनिल विज विधायक बने. 

खट्टर सरकार के दौरान महत्वपूर्ण महकमों की संभाली जिम्मेदारी 

1991 में अनिल विज को हरियाण बीजेपी युवा मोर्चा का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया. बीजेपी से संबंध खराब होने के बाद 1996 और साल 2000 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीत दर्ज की हालांकि 2005 में विज को करारी हार का सामना करना पड़ा था. 2009, 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में अनिल विज बतौर बीजेपी उम्मीदवार अंबाला कैंट से विधायक चुनकर राज्य सरकार में मंत्री बने. वो पूर्व CM खट्टर के दोनों कार्यकाल के दौरान गृह- स्वास्थ्य के साथ कई बड़े महकमों की जिम्मेदारी संभाली.