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Haryana Mob lynching Row: CM सैनी बोले- कौन रोक सकता है; विपक्ष ने पूछा- गौ रक्षकों को हत्या का अनुमति किसने दी?

Haryana Mob lynching Row: हरियाणा में लिंचिंग को लेकर विपक्ष ने राज्य की नायब सिंह सैनी सरकार पर निशाना साधा है. वहीं, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने घटना की निंदा की, लेकिन गौरक्षा पर राज्य के रुख का बचाव किया. दरअसल, एक दिन पहले हरियाणा के चरखी दादरी जिले में गोमांस खाने के संदेह में एक व्यक्ति की पिटाई की गई. इस दौरान पीड़ित की मौत हो गई. पुलिस ने मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया, जबकि दो लड़कों को हिरासत में लिया है.

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Edited By: India Daily Live
Haryana Mob lynching Row
Courtesy: हरियाणा के चरखी दादरी जिले में गोमांस खाने के संदेह में एक व्यक्ति की पिटाई करते लोग। फोटो- PTI

Haryana Mob lynching Row: हरियाणा में पुलिस ने शनिवार को घोषणा की कि उन्होंने पश्चिम बंगाल के एक व्यक्ति पर गोमांस खाने का आरोप लगाकर उसकी कथित रूप से पीट-पीटकर हत्या करने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है और दो लड़कों को हिरासत में लिया है. इस घटना के बाद विपक्ष ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार को निशाने पर लिया है. मामले ने राजनीतिक रूप भी ले लिया है, क्योंकि राज्य में एक महीने से कुछ अधिक समय में नई सरकार का चुनाव होने वाला है.

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के 26 साल के साबिर मलिक, अपनी पत्नी और 2 साल की बेटी के साथ चरखी दादरी के हंसावास गांव में रह रहा था. साबिर कूड़ा बीनने का काम करता था. 27 अगस्त को कुछ लोगों के समूह ने उसकी हत्या कर दी थी. कहा जा रहा है कि भीड़ में मौजूद कुछ आरोपियों ने साबिर को कचरा उठाने के लिए बुलाया था. 

मुख्यमंत्री सैनी ने घटना की निंदा की

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने घटना की निंदा की, लेकिन गौ रक्षा पर राज्य के रुख का बचाव किया. सैनी ने कहा कि भीड़ की ओर से पीट-पीटकर हत्या करना सही नहीं है, लेकिन जब ऐसी घटनाएं (कथित गोमांस सेवन) सामने आती हैं, तो गांवों के लोग प्रतिक्रिया करते हैं. उन्होंने कहा कि हमने गायों की सुरक्षा के लिए राज्य विधानसभा में एक सख्त कानून बनाया है और इस पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यहां के गांवों में गायों को पूजनीय माना जाता है और जब लोग ऐसी चीजों के बारे में सुनते हैं, तो कौन रोक सकता है कि क्या हो रहा है.

इस घटना की विरोधी पार्टियों ने निंदा की है. जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के महासचिव दिग्विजय सिंह चौटाला ने सरकार की प्रतिक्रिया की आलोचना की. उन्होंने पूछा कि गौरक्षकों को कूड़ा बीनने वाले को मारने की अनुमति किसने दी? मार्च तक भाजपा की सहयोगी रही पार्टी के नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री राज्य के निवासियों को सुरक्षित स्थान उपलब्ध कराने में विफल रहे हैं. 

बाढड़ा से दो बार विधायक रह चुके और कांग्रेस के सीनियर नेता रण सिंह मान ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहे हैं. उन्होंने कहा कि गौरक्षक राज्य सरकार के समर्थन से कानून अपने हाथ में ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि हरियाणा चुनाव के दौरान लोगों को जाति और धर्म के आधार पर बांटने की गहरी साजिश है. पुलिस को मामले की हर पहलू से जांच करनी चाहिए और दोषियों को कड़ी सजा देनी चाहिए.

गिरफ्तार आरोपियों में ये शामिल

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अभिषेक, मोहित, साहिल, रविंदर और कमलजीत के रूप में हुई है, जबकि दो नाबालिगों को हिरासत में लिया गया है. बाढड़ा के पुलिस अधिकारी भारत भूषण ने बताया कि घटना 27 अगस्त को हुई जब गौरक्षकों को सूचना मिली कि हंसावास गांव में रह रहे असम के कुछ प्रवासी मजदूरों ने कथित तौर पर गौमांस खाया है. इसके बाद वे मजदूरों की झुग्गियों में पहुंचे.

डीएसपी ने बताया कि साबिर भी उसी गांव में रह रहा था. गौ रक्षकों ने पुलिस को सूचना दी और हमारी टीम 27 अगस्त को वहां पहुंची. जांच करने पर बर्तनों में मांस मिला और मजदूरों ने दावा किया कि उन्होंने पिछले दो महीनों में दो बार मांस पकाया है. फोरेंसिक और पशु चिकित्सा विशेषज्ञों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और मांस के नमूने एकत्र किए गए और यह पुष्टि करने के लिए प्रयोगशाला में भेजा गया कि यह गोमांस था या नहीं.

पुलिस के मुताबिक, कुछ घंटों बाद, गिरफ्तार किए गए युवकों ने साबिर और उसके सहयोगी असरुद्दीन को खाली प्लास्टिक की बोतलें बेचने के बहाने बड़हरा की एक दुकान पर बुलाया और साबिर की पिटाई शुरू कर दी. हालांकि इस दौरान असरुद्दीन भागने में कामयाब हो गया. वे साबिर मलिक को पास के भंडवा गांव ले गए जहां उन्होंने फिर से उस पर हमला किया जिससे उसकी मौत हो गई.

जांच के लिए स्पेशल टीम का गठन, पड़ताल जारी

डीएसपी ने बताया कि मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की गई है और वे आरोपियों से पूछताछ कर रहे हैं. पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में पीड़ित के बहनोई सूरजुद्दीन सरकार ने कहा कि 27 अगस्त की दोपहर तीन लोग उनकी झुग्गियों में आए और साबिर से कहा कि वह भी उनके साथ चले क्योंकि उनके पास बेचने के लिए बहुत सारी प्लास्टिक की बोतलें हैं.

सूरजुद्दीन ने कहा कि आरोपियों ने बड़हरा बस स्टैंड के पास उसके साथ मारपीट की और बाद में उसे दूसरी जगह ले गए. साबिर भंडवा गांव में नहर के पास मृत पाया गया. इससे पहले दिन में पुलिस ने मेरे पिता और मुझे बड़हरा पुलिस स्टेशन बुलाया था और हमने उन्हें बताया कि हमने गोमांस नहीं खाया है. फिर मेरी बहन ने मुझे फोन करके बताया कि साबिर वापस नहीं आया है. हमने पुलिस को सूचित किया और मेरे जीजा उसी शाम मृत पाए गए.