हरदा हादसे के बाद एक्शन में प्रशासन, लेकिन 11 मौतों का जिम्मेदार कौन?
मध्यप्रदेश के हरदा में पटाखा फैक्ट्री विस्फोट में घायल करीब 174 लोगों का भोपाल, होशंगाबाद समेत हरदा के अस्पतालों में इलाज चल रहा है. हादसे की जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं.
Harda Firecracker Factory Explosion Case: मध्य प्रदेश के हरदा में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट होने से 11 लोगों की मौत हो गई. पूरे शहर में चीख पुकार मच गई. पीड़ितों के परिवारवाले अपनों की खोज में लगे रहे. पुलिस ने इस मामले में पटाखा फैक्ट्री के मालिक राजेश अग्रवाल समेत 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. जांच में सामने आया है कि प्रशासन की ओर से साल 2022 में ही इस पटाखा फैक्ट्री का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है. इसके बावजूद ये फैक्ट्री धड़ल्ले से चल रही थी. सवाल उठता है कि क्या दो साल में इस पटाखा फैक्ट्री पर पुलिस या प्रशासन की नजर नहीं पड़ी, जबकि यहां करीब 200 मजदूर काम करते थे. उधर, हादसे के बाद प्रशासन अब एक्शन मोड में है. पांच और अवैध फैक्टॅियों को सील किया गया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राजेश अग्रवाल को पुलिस ने उस वक्त पकड़ा था, जब वह हादसे के बाद अपनी कार से कथित तौर पर दिल्ली की ओर भागने की कोशिश कर रहा था. पुलिस को जैसे ही सूचना मिली वैसे ही घेराबंदी करके आरोपी को दबोच लिया. आरोप के साथ दो अन्य लोग सोमेश अग्रवाल और रफीक खान को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस की ओर से कहा गया है कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 308 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास), और 34 (सामान्य इरादे को आगे बढ़ाने में कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य) और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
हादसे में घायल 174 पीड़ितों का चल रहा है इलाज
भोपाल से करीब 150 किमी दूर हरदा शहर के बाहरी इलाके मगरधा रोड पर बैरागढ़ इलाके में ये फैक्ट्री चल रही थी. इस फैक्ट्री में मंगलवार को अचानक आग लग गई, जिसके बाद कई घंटों तक विस्फोटों की आवाजें इलाके में सुनाई दीं. हादसे में 174 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. नर्मदापुरम आयुक्त पवन शर्मा ने न्यूज एजेंसी को बताया है कि घटना स्थल से अब तक 174 लोगों को बचाया गया है. इनमें से 34 को भोपाल और होशंगाबाद के लिए रेफर किया गया है. 140 का स्थानीय जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है. उन्होंने बताया कि रेफर किए गए लोगों में से एक और की मौत की सूचना मिली है. अब तक हादसे में कुल 11 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है.
जांच में सामने आया बड़ा खेल
हादसे की सूचना पर अधिकारी तत्काल प्रभाव से विस्फोट स्थल पर पहुंचे और आग बुझाने के प्रयास शुरू किए. आग पर काबू पाने के बाद राहत कर्मियों ने साइट से मलबा हटाने का काम शुरू किया. हादसे में 11 लोगों की मौत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है. पीड़ित परिवारों के प्रति सहानुभूति जताई है. सरकार ने मृतक के परिजन को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की.
उधर, पुलिस की जांच में सामने आया है कि इस फैक्ट्री का लाइसेंस 26 सितंबर 2022 को रद्द कर दिया गया था, लेकिन इसके बावजूद ये फैक्ट्री धड़ल्ले से चल रही थी. साल 2022 में तत्कालीन जिलाधिकारी ने इस फैक्ट्री के लाइसेंस को रद्द करने के लिए पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव्स सेफ्टी ऑर्गेनाइजेशन को पत्र लिखा था. इसमें कहा गया था कि लाइसेंस को रद्द किया जाए. अब सवाल उठता है कि प्रशासन की ओर से लाइसेंस रद्दीकरण की कार्रवाई के बाद भी फैक्ट्री आखिर किसकी शह पर चल रही थी. इस बात की तफ्तीश की जा रही है.
हादसे के बाद जागा प्रशासन, पांच अवैध पटाखा फैक्ट्रियां सील
हरदा में हादसे के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घटनास्थल का दौरा किया है. पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद का भरोसा दिया है. उधर हादसे के बाद प्रशासन भी नींद से जाता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अधिकारियों ने पूरे इलाके में छापेमारी शुरू कर दी है. पांच अवैध पटाखा फैक्ट्रियों को सील किया गया है. प्रशासन की कार्रवाई के बाद पूरे इलाके में हड़कंप है. वहीं जिलाधिकारी ने आदेश दिया है कि बड़े स्तर पर कार्रवाई की जाएगी.
हरदा जिले में घर-घर में पटाखों का काम होता है. पूरा शहर बारूद के ढ़ेर पर बैठा हुआ है. दावा किया जाता है कि हरदा में बिना लाइसेंस के ही बारूद का अवैध काम होता है. इसी अवैध काम ने आज 11 लोगों को मौत के मुंह में धकेल दिया है. वहां करीब 180 लोग जिंदगी और मौत के बीच लड़ रहे हैं.