Haldwani Violence: देवभूमि उत्तराखंड के हल्द्वानी में हुई हिंसा के मामले में पुलिस को एक सफलता हाथ लगी है. हिंसक प्रदर्शन के मामले में पुलिस ने पांच महिलाओं को गिरफ्तार किया है, इस हिंसा में 8 फरवरी को करीब 6 लोगों की मौत हुई थी. सभी पांचों महिलाएं हल्द्वानी के बनभूलपुरा की रहने वाली हैं. इनकी उम्र 25 से 50 साल के बीच है.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, हिंसा के संबंध में अब तक गिरफ्तारियों की संख्या 89 हो गई है. प्रशासन की ओर से कथित तौर पर नजूल भूमि (सरकारी जमीन) पर बनी एक मस्जिद और मदरसे को ध्वस्त करने के लिए पहुंचे सरकारी अमले पर हमला हुआ था, जिसके बाद हिंसा भड़क गई थी. इलाके में जमकर पथराव हुआ, कारों में आग लगाई गई और स्थानीय पुलिस स्टेशन को भीड़ ने घेर लिया. बेकाबू होते हालातों को देखते हुए प्रशासन ने उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दे दिए थे.
नैनीताल पुलिस ने बताया कि थाने पर कथित हमले, वाहनों में तोड़फोड़ और अतिक्रमण के खिलाफ अभियान के दौरान हिंसा के लिए बनभूलपुरा थाने में तीन एफआईआर दर्ज की गई थीं. नैनीताल पुलिस की ओर से कहा गया है कि हिंसक घटना में शामिल उपद्रवियों की गिरफ्तारी के लिए एसएसपी नैनीताल प्रह्लाद नारायण मीना कई टीमों का गठन किया गया है.
सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूतों के आधार पर पुलिस की टीमें लगातार संदिग्धों के घरों में छापेमारी की जा रही है. इस मामले में अब तक 84 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. उनके कब्जे से अवैध हथियार और कारतूस भी जब्त किए गए हैं. हाल ही में पुलिस ने हिंसा के संबंध में पांच आरोपी महिलाओं की पहचान की थी, जिन्हें पुलिस टीम ने गिरफ्तार कर लिया है.
पूर्व में गिरफ्तार अब्दुल मलिक और उसके बेटे अब्दुल मोईद की ओर से कोर्ट समेत प्रशासनिक अधिकारियों को एक पत्र के जरिए कहा था कि हिंसा के समय वे नोएडा, दिल्ली और ग्रेटर नोएडा में थे. उधर, बनभूलपुरा थाना प्रभारी नीरज भाकुनी की शिकायत पर दर्ज एफआईआर में आरोप है कि जब विध्वंस की प्रक्रिया शुरू हुई, तो पिता-पुत्र और 14 अन्य लोगों ने भीड़ को उकसाने का काम किया.