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Haldwani violence: 3 एकड़ सरकारी जमीन पर कब्जा कर बनाया बागीचा, कौन है हल्द्वानी हिंसा का मास्टरमाइंड?

Haldwani violence: हल्द्वानी में बिगड़े हालातों को देखते हुए उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार, रामनगर और उधम सिंह नगर में पुलिस को 24 घंटे हाईअलर्ट पर रहने का आदेश जारी किया गया है.

Om Pratap

Haldwani violence: उत्तराखंड के हल्द्वानी में गुरुवार को हुई हिंसा के बीच बार-बार एक बागीचे का जिक्र किया जा रहा है, जिसका नाम 'मलिक का बागीचा' है. पूरा मामला इसी मलिक के बागीचा से जुड़ा हुआ है. बनभूलपुरा इलाके में 3 एकड़ सरकारी जमीन पर कब्जा कर मलिक का बागीचा बसाया गया और यहां मस्जिद और मदरसे का निर्माण करा दिया गया. सरकारी जमीन पर कब्जे को लेकर किसी ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर दी, जिसके बाद जिला प्रशासन कार्रवाई अतिक्रमण हटाने पहुंची थी. 

नैनीताल के एसएसपी प्रह्लाद मीणा के मुताबिक, हाजी अब्दुल मलिक समेत कई अन्य को हिरासत में लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है. अब तक पुलिस ने 5000 FIR दर्ज कराई है. साथ ही हिंसा के मास्टरमाइंड समेत अन्य दंगाईयों के पर NSA लगाने की तैयारी है. फिलहाल, हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है. 

मलिक कैसे बना हल्द्वानी हिंसा का मास्टरमाइंड?

आरोप है कि अब्दुल मलिक ने सरकारी जमीन पर कब्जा करने और फिर उन्हें बेचने की साजिश रची. अब्दुल मलिक के बागीचे को लेकर नगर निगम की ओर से उसे नोटिस भेजा गया था और कहा गया था कि अगर उसने अवैध निर्माण को नहीं हटाया तो प्रशासन 'नजूल भूमि कानून 2009 और 2021' के साथ नगर निगम अधिनियम 1959 के प्रावधानों के तहत अवैध निर्माण को हटा देगी. कहा जा रहा है कि नोटिस के बावजूद अब्दुल मलिक ने कब्जा नहीं हटाया और अपने समुदाय के कुछ लोगों के साथ नगर निगम कार्यालय के बाहर पहुंच गया. इस दौरान उसने नारेबाजी की और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर कानून व्यवस्था के बिगड़ने की धमकी दी. 

अब्दुल मलिक की धमकी को प्रशासन ने गंभीरता से नहीं लिया और पुलिस की टीम के साथ 8 फरवरी को ध्वस्तीकरण के लिए पहुंची. इस दौरान पुलिस और नगर निगम की टीम को देख पहले भीड़ ने विरोध जताया, फिर पथराव शुरू कर दिया. शाम 4 बजे से शुरू हुई हिंसा रात 11 बजे तक चली, जिसमें दंगाईयों ने पेट्रोल बम का भी इस्तेमाल किया. 

राज्य के कई सीनियर अधिकारी कर रहे कैंप

हिंसा के बाद तनाव की स्थिति पर काबू पाने के लिए राज्य के कई सीनियर अधिकारी हल्द्वानी में कैंप कर रहे हैं. अधिकारियों के मुताबिक, पूरे उत्तराखंड को हाई अलर्ट पर रखा गया है. वहीं, एसएसपी के मुताबिक, सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए पूरे शहर को 7 जोन में बांटा गया है. गुरुवार को भड़की हिंसा के बाद पूरे इलाके में कर्फ्यू लागू है. उपद्रवियों और दंगाइयों को सीधे गोली मारने के आदेश हैं. एसपी हरबंस सिंह ने हिंसा में अब तक 6 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है.

हल्द्वानी हिंसा की टाइमलाइन

  • 8 फरवरी को दोपहर 3:00 बजे नगर निगम और पुलिस की टीम अवैध निर्माण हटाने पहुंची.
  • शाम करीब 4 बजकर 40 मिनट पर भीड़ के रूप में दंगाई अवैध निर्माण स्थल पर पहुंचने लगे.
  • 4 बजकर 42 मिनट पर विरोध शुरू हो गया और पुलिस की ओर से लगाए बैरिकेड को हटा दिया गया.
  • 4 बजकर 51 मिनट पर उपद्रवियों उस जेसीबी के आगे खड़े हो गए, जिससे अतिक्रमण हटाया जा रहा था.
  • 4 बजकर 55 मिनट पर पत्थरबाजी शुरू हो गई और दंगाईयों ने पेट्रोल बम से हमला शुरू कर दिया.
  • शाम 5 बजकर 17 मिनट पर दंगाईयों के हमले के बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की और आंसू गैस के गोले छोड़े.
  • 5 बजकर 35 मिनट पर दंगाईयों ने पुलिस की गाड़ियों समेत अन्य वाहनों में आग लगा दी.
  • 5 बजकर 54 पर पुलिसकर्मी को घेर लिया गया, फिर करीब 6:30 बजे उपद्रवियों ने थाना फूंक दिया.
  • शाम 7 बजे चोटिल पुलिसकर्मियों को अस्पताल भेजा गया
  • शाम 7 बजकर 30 मिनट पर राज्य सरकार की ओर से दंगाईयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए.
  • शाम 7 बजकर 48 मिनट पर हल्द्वानी शहर में कर्फ्यू का आदेश जारी कर दिया गया.
  • करीब 8 बजे उधमसिंह नगर से अतिरिक्त पुलिस बल हल्द्वानी पहुंची और थोड़ी देर बाद इंटरनेट सेवा बंद की गई.