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डेरा सच्चा सौदा के चीफ को 50 दिन की पैरोल, साढ़े 6 साल में 9वीं बार आया बाहर; जानें क्या बोले हरियाणा के मंत्री

हरियाणा में दो शिष्याओं से बलात्कार के दोषी राम रहीम को 28 अगस्त 2017 को 20 साल की सजा और 17 जनवरी, 2019 को जर्नलिस्ट रामचंद्र छत्रपति की हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा सुनाई थी. राम रहीम 2017 से ही हरियाणा के रोहतक जिले के सुनारिया जेल में सजा काट रहा है.

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Edited By: Om Pratap
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हाइलाइट्स

  • राम रहीम को नवंबर 2023 में भी मिली थी 21 दिन की पैरोल
  • रोहतक जिले के सुनारिया जेल में सजा काट रहा है राम रहीम

Gurmeet Ram Rahim Parole: डेरा सच्चा सौदा के चीफ गुरमीत राम रहीम को एक बार फिर 50 दिन की पैरोल मिली है. साढ़े छह साल में ये 9वां मौका है, जब गुरमीत राम रहीम जेल से बाहर आया है. इससे पहले 20 नवंबर को राम रहीम को 21 दिन की फरलो मिली थी. उधर, हरियाणा के कैबिनेट मंत्री चौधरी रणजीत सिंह चौटाला ने कहा कि पैरोल में मानक जेल मैनुअल प्रक्रियाओं का पालन किया गया है. उन्होंने कहा कि राम रहीम समेत सभी कैदी 70 दिन की पैरोल और 30 दिन की फरलो के हकदार हैं , पैरोल कैदी के लिए वैकल्पिक है.

सिरसा में अपने आवास पर मीडिया से बातचीत करते हुए चौधरी रणजीत सिंह चौटाला ने कहा कि जेल मैनुअल के नियमों के मुताबिक किसी भी कैदी को 70 दिन की पैरोल और 30 दिन की फरलो दी जाती है . फर्लो केवल एक बार दी जाती है. पैरोल दो बार ली जा सकती है, ये कैदी की पसंद है. उन्होंने कहा कि हरियाणा की जेलों में 23 से 24,000 कैदी हैं और सभी के लिए समान नियम हैं. 7 साल की सजा पाने वाला कैदी जिला मजिस्ट्रेट के माध्यम से आवेदन कर सकता है.

हरियाणा में दो शिष्याओं से बलात्कार के दोषी राम रहीम को 28 अगस्त 2017 को 20 साल की सजा और 17 जनवरी, 2019 को जर्नलिस्ट रामचंद्र छत्रपति की हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा सुनाई थी. राम रहीम 2017 से ही हरियाणा के रोहतक जिले के सुनारिया जेल में सजा काट रहा है. साढ़े 6 साल से अधिक के समय में ये कुल मिलाकर 9वां मौका है, जब वो जेल से बाहर आया है.

कब-कब फरलो या पैरोल पर बाहर आया राम रहीम?

पहली बार- 24 अक्टूबर 2020
दूसरी बार- 21 मई 2021
तीसरी बार- फरवरी 2022
चौथी बार- जून 2022
पांचवी बार- अक्टूबर 2022
छठी बार- जनवरी 2023
सातवीं बार- जुलाई 2023
आठवीं बार- नवंबर 2023
9वीं बार- जनवरी 2024

आखिर कैसे बार-बार राम रहीम को मिल रही फरलो या पैरोल?

गुरमीत राम रहीम सिंह को बार-बार फरलो या पैरोल आखिर कैसे मिल रही है, इसका जवाब जानने से पहले आपको दोनों में अंतर समझना होगा. 

पैरोल- उस कैदी को दी जाती है, जिसने अपनी सजा के कम से कम एक साल जेल में गुजारे हो. पैरोल की एक महत्वपूर्ण शर्त ये है कि कैदी जितने भी दिन पैरोल पर रहेगा, वो उसकी सजा की अवधि में नहीं जुड़ेगा. यानी अगर किसी कैदी को एक दिन की पैरोल मिलती है, तो उसे सजा पूरी होने के बाद एक दिन और सजा काटनी होगी. 

सवाल ये भी कि आखिर ये कैसे और कौन तय करता है कि कैदी को पैरोल मिलेगी या नहीं? आपको बता दें कि जेल में बंद किस कैदी को पैरोल मिलेगी और किसे नहीं, इसका फैसला राज्य सरकार करती है. पैरोल कैदी के अच्छे आचरण को देखकर भी दिया जाता है. शायद ये एक वजह हो सकती है, जिसके आधार पर राम रहीम को बार-बार पैरोल मिल रही है.

क्या होता है फरलो?

किसी कैदी के पास सजा के दौरान जेल से बाहर आने का दूसरा रास्ता फरलो है. फरलो किसी कैदी को तब मिलती है, जब उसने जेल में कम से कम 3 साल की सजा काट ली हो. राम रहीम अगस्त 2017 से जेल में बंद है. इस लिहाज से अब तक उसने 3 साल से अधिक की सजा काट ली है. शायद इस आधार पर भी राम रहीम को बार-बार फरलो मिल रही है.