Sunil Sangwan: गुड़गांव जिला जेल सुपरिटेंडेंय सुनील सांगवान ने अपना इस्तीफा देकर हरियाणा सरकार से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति यानी VRS का अनुरोध किया है. कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है. कहा जा रहा है कि भाजपा नेता और हरियाणा के पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान के बेटे सुनील सांगवान (50) राजनीति में शामिल होने और आगामी हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर चरखी दादरी सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं.
कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि सुनील सांगवान आज ही भाजपा में शामिल होंगे. हालांकि, न तो सुनील सांगवान और न ही भाजपा की ओर से इसकी पुष्टि की गई है. 2002 में गुड़गांव जेल में डिप्टी सुपरिंटेंडेंट के रूप में अपनी पहली पोस्टिंग के साथ, सांगवान पिछले 22 वर्षों से जेल विभाग में हैं. उनकी बेटी और बेटा सेना में कैप्टन के पद पर कार्यरत हैं.
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जेल सुपरिटेंडेंट पद से इस्तीफा देने के बाद सुनील सांगवान आज भाजपा ज्वाइन करेंगे. दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सुनील सांगवान को भाजपा की सदस्यता दिलवाएंगे. इस दौरान हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी मौजूद रहेंगे.
ये संयोग ही है कि सुनील सांगवान के पिता सतपाल सांगवान भी 1996 में टेलीकम्यूनिकेशन डिपार्टमेंट में एसडीओ के पद से इस्तीफा देकर पॉलिटिक्स में आए थे. उस समय वे पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी के टिकट पर चरखी दादरी से विधायक चुने गए थे. सतपाल सांगवान 2009 का चुनाव भी जीते थे और भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री बने थे. उन्होंने 2019 का चुनाव जेजेपी के टिकट पर लड़ा था और करीब 30,000 वोट हासिल किए थे, लेकिन निर्दलीय उम्मीदवार सोमबीर सांगवान से हार गए थे. इस साल अप्रैल में वे जेजेपी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे.
अगर सुनील सांगवान भाजपा ज्वाइन करते हैं और पार्टी की ओर से उन्हें दादरी सीट से उम्मीदवार बनाया जाता है, तो फिर सवाल उठता है कि पिछले 5 साल से यहां से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहीं भाजपा की नेता बबीता फोगाट का क्या होगा?
रेसलर बबीता फोगाट ने 2019 में भाजपा के टिकट पर दादरी से विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. बबीता तीसरी स्थान पर रही थी. उस दौरान भाजपा ने सोमवीर सांगवान का टिकट काटकर बबीता को मैदान में उतारा था. इसके बाद सोमवीर सांगवान ने निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी.