Gujarat University Namaz Row: गुजरात यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में नमाज पढ़ने को लेकर हुए विवाद मामले में नया एंगल सामने आया है. पीड़ित विदेशी छात्रों ने आरोप लगाया कि नवरंगपुरा में नमाज अदा करने के दौरान हमलोगों पर हमला करने के आरोपियों को पुलिस ने आसानी से जाने दिया. पीड़ित छात्रों का आरोप है कि दंगाईयों को गिरफ्तार करने के बजाए, उन्हें सुरक्षित तरीके से जाने दिया गया. इन आरोपों से संबंधित एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. फिलहाल, वीडियो की जांच की जा रही है.
पीड़ित छात्रों ने आरोप लगाया कि शहर की पुलिस ने विदेशी छात्रों पर हमला करने और बर्बरता करने के बाद दंगाइयों को खुली छूट दे दी. नवरंगपुरा में 'बॉयज़ हॉस्टल' के ए ब्लॉक के सामने पीसीआर वैन और पुलिस की मौजूदगी में कुछ लोगों को परिसर से बाहर निकलते हुए दिखाने वाला एक वीडियो रविवार को वायरल हो गया. दावा किया जा रहा है कि वायरल वीडियो, शनिवार रात को हुई घटना से जुड़ा है.
वायरल वीडियो में एक आवाज आ रही है, जिसमें शख्स को कहते हुए सुना जा सकता है कि शनिवार रात हॉस्टल कैंपस में नमाज पढ़ने के विवाद के बाद विदेशी छात्रों पर हमला करने वाले दंगाइयों को पुलिस आसानी से जाने दे रही थी.
In #Gujarat's #Ahmedabad, A Student of #GujaratUniversity from inside their hostel can be heard saying, "Police let them go, Police let them go! They are running away! They broke everything, They are going away. The police aren't arresting them. This is a democratic country, this… pic.twitter.com/sM4udThJ5i
— Hate Detector 🔍 (@HateDetectors) March 17, 2024
किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए घटनास्थल वाले हॉस्टल में लगभग छह से आठ पुलिसकर्मी और लगभग 10 सुरक्षा गार्ड तैनात किए गए हैं. उधर, पीड़ित छात्रों में शामिल अफगानिस्तान के कुनार प्रांत के एक छात्र नवीद सिद्दीकी ने कहा कि शुरू में 3 लोगों के बीच हॉस्टल कैंपस में नमाज पढ़ने को लेकर तीखी बहस हुई. बहस के बाद हाथापाई शुरू हुई. इसके बाद करीब 15 आदमी वहां आ गए और बाद में भीड़ बढ़ने लगी.
सिद्दीकी ने कहा कि थोड़ी देर बाद भीड़ हॉस्टल में घुस गई और हम पर लाठियों, बैट और रॉड से हमला कर दिया. सिद्दीकी ने कहा कि भीड़ के हमले में दो अफ्रीकी, एक श्रीलंकाई, तुर्कमेनिस्तान का एक छात्र और मेरे हमवतन अफगानिस्तान का भी एक छात्र घायल हो गया. सिद्दीकी ने कहा कि मुझे भी चोट लगी है. उसने बताया कि तुर्कमेनिस्तान के अज़ात नाम के छात्र और ईसाई धर्म को मानने वाले मारियो फर्नांडो नाम के श्रीलंकाई छात्र को गंभीर चोटें आईं हैं.
सिद्दीकी ने कहा कि घटना के दौरान 3 पुलिस वैन वहां पहुंची और पुलिस ने दंगाइयों को वहां से जाते हुए देखा. हमने दंगाईयों को पकड़ने के लिए पुलिस से अपील की, लेकिन पुलिस ने उन्हें जाने दिया. सिद्दीकी ने आरोप लगाया कि ये पहली बार नहीं था कि विदेशी छात्रों को इस तरह की हालातों का सामना करना पड़ा. इससे पहले फरवरी 2019 में, यूनिवर्सिटी के लगभग 300 विदेशी छात्रों को उनके खानपान से जुड़ी शिकायतों के बाद उन्हें खानपुर में शिफ्ट कर दिया गया था.