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Gujarat News: बोर्ड एग्जाम देने पहुंची लड़कियों के जबरन उतरवाए हिजाब, बच्चियों ने रोते हुए बयां की आपबीती

Gujarat News: गुजरात के सूरत जिले में छात्राओं के सिर से जबरन हिजाब उतरवाए जाने का मामला सामने आया है. एग्जाम के बाद छात्राओं ने घर लौटकर पैरेंट्स को आपबीती बताई. मामले की जानकारी के बाद एग्जाम सेंटर के प्रशासक को हटा दिया गया है.

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Edited By: India Daily Live
Gujarat News Class 10th girl students forced remove hijab in board exam

Gujarat News: गुजरात में बोर्ड परीक्षा के दौरान 10वीं क्लास की छात्राओं के सिर से जबरन हिजाब हटवाए जाने का मामला सामने आया है. मामले की जानकारी के बाद एग्जाम सेंटर के व्यवस्थापक के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें बर्खास्त कर दिया गया. मामले से जुड़ा एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है. घटना अंकलेश्वर शहर के एक स्कूल का है.

मामले को लेकर पीड़ित छात्राओं के परिजन ने विरोध किया था, जिसके बाद DEO ने जांच पड़ताल की और एग्जाम सेंटर में लगे सीसीटीवी फुटेज को देखने के बाद कार्रवाई करते हुए लायंस स्कूल के व्यवस्थापक को बर्खास्त कर दिया गया. लायंस स्कूल में हुई घटना के बाद अभिभावकों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने एग्जाम सेंटर के व्यवस्थापक की ओर से की गई कार्रवाई को भेदभाव वाला बताया और जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) को शिकायत दी. परिजन ने आरोप लगाया कि बोर्ड एग्जाम दे रही छात्राओं के सिर से जबरन हिजाब हटवाया गया. 

घटना को लेकर DEO ने क्या कहा?

मामले की जानकारी के बाद, DEO स्वाति रावल ने बताया कि एग्जाम सेंटर की व्यवस्थापक इला सुरतिया को बर्खास्त कर दिया गया है. वे लायंस स्कूल की प्रिंसिपल भी थीं. उन्होंने कहा कि मैंने सीसीटीवी फुटेज देखा है और करीब 20 छात्राओं के माता-पिता ने इस संबंध में स्कूल प्रबंधन, शिक्षा विभाग, कलेक्टर और पुलिस से शिकायत की थी. उन्होंने बताया कि मैंने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं और एग्जाम सेंटर के व्यवस्थापक को बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि गुजरात बोर्ड की ओऱ से एग्जाम में ड्रेस को लेकर कोई विशेष निर्देश नहीं हैं.

गुजरात बोर्ड ने क्या कहा?

गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSHSEB) की ओर से कहा गया है कि एग्जाम के दौरान कोई अलग तरह का ड्रेस पहनने का नियम नहीं है. छात्र किसी भी तरह के लेकिन सभ्य ड्रेस पहनकर एग्जाम में शामिल हो सकते हैं. नियमों के मुताबिक, हर कक्षा की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग होना अनिवार्य है, जहां छात्र परीक्षा पेपर लिखते हैं. शिकायत करने वाले पैरेंट्स के मुताबिक, ऐसे ही एक सीसीटीवी फुटेज में महिला पर्यवेक्षकों को दो लड़कियों से हिजाब हटाने के लिए कहते हुए दिखाया गया है.

GSHSEB के एग्जाम डायरेक्टर एमके रावल ने कहा कि परीक्षा के दौरान पहने जाने वाले कपड़ों के बारे में कोई विशेष नियम नहीं हैं. कोई भी महिला पर्यवेक्षक परीक्षा से पहले एडमिट कार्ड पर फोटो के साथ छात्रा का चेहरा मिलाकर उनकी पहचान कर सकती है.

आरोपी व्यवस्थापक ने बताया- क्यों उतरवाया था हिजाब

एग्जाम सेंटर की व्यवस्थापक इला सुरतिया ने बताया कि उन्होंने छात्राओं से हिजाब इसलिए उतरवाया था, क्योंकि सीसीटीवी रिकॉर्डिंग में उनके चेहरे स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं दे रहे थे. नियमों के अनुसार, वीडियो रिकॉर्डिंग में सभी छात्रों के चेहरे स्पष्ट होने चाहिए. इसलिए हमने लड़कियों से परीक्षा से पहले अपने स्कार्फ हटाने के लिए कहा था ताकि जब वे पेपर लिख रही हों तो हमें उन्हें परेशान न करना पड़े और अन्य लोग परेशान न हों.

छात्राओं के पैरेंट्स ने क्या कहा?

जिन छात्राओं को हिजाब उतारने के लिए मजबूर किया गया, उनमें से एक के पिता ने कहा कि लगभग 20 लड़कियों को अपने हिजाब उतारने के लिए मजबूर किया गया था. मेरी बेटी घर आने के बाद बहुत रोई. अगर व्यवस्थापक छात्राओं की एडमिट कार्ड से उनकी पहचान करना चाहते थे, तो उन्हें एंट्री गेट पर ही हिजाब उतरवाना चाहिए था, न की एग्जाम सेंटर के अंदर. उन्होंने बताया कि पेपर लिख रही छात्राओं से पहले जबरन हिजाब उतरवाया गया, फिर उसे ऑफिस में जमा करा दिया.