गुजरात हाई कोर्ट ने खुद को 'गॉडमैन' कहने वाले आसाराम बापू को एक रेप मामले में तीन महीने की अस्थायी जमानत दी है. दरअसल, इससे पहले जस्टिस संदीप भट्ट ने असहमति जताते हुए इसे खारिज कर दिया, जबकि जस्टिस इलेश जे. वोरा ने तीन महीने की अस्थायी जमानत दी. यह फैसला आसाराम बापू के 2013 के बलात्कार मामले में सजा का सामना कर रहे होने के बावजूद उनके स्वास्थ्य कारणों को ध्यान में रखते हुए लिया गया था.
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, आसाराम बापू, जो कि बलात्कार के आरोप में जेल में बंद थे, उन्होंने अदालत से अपनी तबियत की खराबी का हवाला देते हुए जमानत की मांग की थी. उनके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए, गुजरात हाई कोर्ट ने उन्हें तीन महीने के लिए अस्थायी जमानत देने का आदेश दिया.
Gujarat High Court grants three-month temporary bail to self-proclaimed godman Asaram Bapu in a rape case. This was granted to him on medical grounds.
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— ANI (@ANI) March 28, 2025
जस्टिस भट्ट ने जमानत देने पर जताई असहमति
जस्टिस संदीप भट्ट ने अपने आदेश में कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि आसाराम बापू केवल सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहले दी गई अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, बिना इसे उचित रूप से उपयोग किए. उन्होंने यह भी कहा कि आसाराम बापू 86 साल की उम्र के बावजूद भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार) के तहत दोषी करार दिए जा चुके हैं और उन्हें उम्रभर की सजा हो चुकी है.
जस्टिस भट्ट ने कहा, "हम इस तथ्य से आंखें नहीं मूंद सकते कि याचिकाकर्ता उम्रकैद की सजा काट रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि आसाराम ने डॉक्टरों से सलाह लेने के बाद भी किसी उपचार पर ठीक से ध्यान नहीं दिया. उनका कहना था कि आसाराम ने विभिन्न डॉक्टरों से सलाह तो ली, लेकिन उनका फॉलो-अप नहीं किया.
आसाराम बापू के खिलाफ कानूनी कार्रवाई जारी
आसाराम बापू पर एक महिला ने 2013 में बलात्कार का आरोप लगाया था, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था. उनकी गिरफ्तारी के बाद से वे लगातार कानूनी प्रक्रिया से जूझ रहे हैं. इस जमानत के आदेश से उनके समर्थक और आलोचक दोनों ही पक्षों में चर्चाएँ शुरू हो गई हैं.
हालांकि आसाराम बापू को अस्थायी जमानत मिल गई है, लेकिन बलात्कार मामले में उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अभी भी जारी है. इस मामले में अदालत में कई महत्वपूर्ण सुनवाई और प्रक्रियाएं बाकी हैं, जो भविष्य में उनके खिलाफ फैसले लेंगी.
सुप्रीम कोर्ट ने दी थी अंतरिम जमानत
हालांकि, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम बापू को इस साल जनवरी में 31 मार्च तक मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत दी थी. इसके बाद आसाराम बापू ने गुजरात हाई कोर्ट में 6 महीने की अस्थायी जमानत के लिए याचिका दायर की थी, जिसमें उनके वकील ने तर्क दिया कि उन्हें 90 दिनों के पंचकर्म चिकित्सा सत्र की आवश्यकता है.