Gujarat Floods Updates: गुजरात के कई इलाकों में बुधवार को लगातार चौथे दिन भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई. वडोदरा शहर सबसे ज्यादा प्रभावित शहरी इलाका है, जहां कुछ इलाके 10 से 12 फीट पानी में डूबे हुए हैं. अधिकारियों ने बताया कि खास तौर पर वडोदरा में भयावह स्थिति के चलते राज्य सरकार को राहत और बचाव कार्यों के लिए भारतीय सेना की मदद लेनी पड़ी है.
राज्य राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने बताया कि पिछले तीन दिनों में गुजरात में बारिश से संबंधित घटनाओं में कम से कम 28 लोगों की मौत हो गई है, जबकि लगभग 40,000 लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने गुरुवार को सौराष्ट्र क्षेत्र के विभिन्न जिलों में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है.
हालांकि वडोदरा में बारिश रुकी हुई है, लेकिन शहर के निचले इलाकों में भयंकर बाढ़ आ गई है, क्योंकि शहर से होकर बहने वाली विश्वामित्री नदी का जलस्तर बढ़ गया है और यह अपने किनारों को तोड़कर रिहायशी इलाकों में घुस गई है, जिससे इमारतें, सड़कें और वाहन जलमग्न हो गए हैं. मंगलवार की सुबह मूसलाधार बारिश और अजवा बांध से पानी छोड़े जाने के बाद नदी का जलस्तर खतरे के निशान 25 फीट को पार कर गया.
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और सरकार के प्रवक्ता ऋषिकेश पटेल बुधवार को स्थिति का जायजा लेने के लिए वडोदरा पहुंचे. उन्होंने कहा कि शहर के कुछ निचले हिस्से 10-12 फीट पानी में डूबे हुए हैं, जबकि कुछ क्षेत्रों में 4-5 फीट तक बाढ़ आ गई है. पटेल ने कहा कि अजवा बांध का जलस्तर 213.8 फीट तक पहुंच गया है, इसलिए अधिकारियों ने पहले से ही उफनती विश्वामित्री नदी में और पानी जाने से रोकने के लिए इसके गेट बंद कर दिए हैं. नदी का जलस्तर अब 37 फीट पर है और यह खतरे के निशान को पार कर गई है, जिससे यह उफान पर है और शहर के बड़े हिस्से में बाढ़ आ गई है. उन्होंने कहा कि वडोदरा में अब तक 5,000 से अधिक लोगों को निकाला गया है और 1,200 अन्य लोगों को बचाया गया है.
गुजरात के कई हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थिति का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को फोन किया और प्राकृतिक आपदा से निपटने में केंद्र के सहयोग का आश्वासन दिया. इस बीच, राज्य सरकार ने एक विज्ञप्ति में कहा कि मुख्यमंत्री ने वडोदरा में बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए पांच अतिरिक्त राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) टीमों और सेना की चार टुकड़ियों को तैनात करने की मांग की है. अधिकारियों ने बताया कि अहमदाबाद और सूरत से बचाव नौकाएं वडोदरा भेजी गई हैं.
पिछले तीन दिनों में बारिश से संबंधित घटनाओं में कम से कम 28 लोगों की मौत हो गई है. ये मौतें राजकोट, आणंद, महिसागर, खेड़ा, अहमदाबाद, मोरबी, जूनागढ़ और भरूच जिलों में हुई हैं. मृतकों में वे आठ लोग शामिल हैं जो रविवार को मोरबी जिले के हलवद तालुका के धवाना गांव के पास एक ओवरफ्लो हो रहे पुल को पार करते समय ट्रैक्टर ट्रॉली में सवार होकर बह गए थे. पुलिस अधिकारी ने बताया कि उनके शव बरामद कर लिए गए हैं. उन्होंने बताया कि घटना में लापता हुई छह वर्षीय बच्ची का अभी पता नहीं चल पाया है.
मंगलवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों में बारिश से जुड़ी घटनाओं, जैसे दीवारें गिरने और डूबने से कम से कम 9 लोगों की मौत हो गई, जबकि सोमवार को इसी तरह की घटनाओं में 7 लोगों की मौत की खबर है. पुलिस ने बताया कि बुधवार को राजकोट में बाढ़ के पानी में कार बह जाने से एक ही परिवार के तीन सदस्य डूब गए.
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) ने बताया कि भारी वर्षा के नवीनतम दौर के साथ, गुजरात में अब तक 934.49 मिमी या औसत वार्षिक वर्षा का 105% वर्षा हो चुकी है. बुधवार को सौराष्ट्र क्षेत्र के देवभूमि द्वारका, जामनगर, राजकोट और पोरबंदर जैसे जिलों में शाम 6 बजे तक 12 घंटे की अवधि में 50 मिमी से 200 मिमी के बीच बारिश हुई. इस अवधि के दौरान राज्य के 251 तालुकाओं में से 13 में 200 मिमी से अधिक और अन्य 39 में 100 मिमी से अधिक बारिश हुई.
बुधवार को पोरबंदर जिले में बचाव अभियान के दौरान कम से कम 14 लोगों को हवाई मार्ग से निकाला गया. जिला प्रशासन ने कहा कि भारी बारिश और भादर बांध से पानी छोड़े जाने के कारण गांव टापू में तब्दील हो गए हैं. अधिकारियों के अनुसार, राज्य में 140 जलाशय और बांध तथा 24 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. बारिश के कारण यातायात और रेलगाड़ियों की आवाजाही भी बाधित हुई है, क्योंकि सड़कें और रेलवे लाइनें पानी में डूब गई हैं. अधिकारियों ने बताया कि 206 बांधों में से 122 को उनके जलस्तर में तेज वृद्धि के कारण हाई अलर्ट पर रखा गया है.
बाढ़ के कारण परिवहन पर बहुत बुरा असर पड़ा है, रेलवे ट्रैक पानी में डूब गए हैं, जिसके कारण 48 ट्रेनें रद्द करनी पड़ी हैं. पश्चिमी रेलवे के अहमदाबाद डिवीजन ने बताया कि 14 अन्य ट्रेनें आंशिक रूप से रद्द कर दी गईं, छह को बीच में ही रोक दिया गया जबकि 23 अन्य को वैकल्पिक मार्गों पर भेजा गया.