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गुजरात में कांग्रेस विधायक सीजे चावड़ा ने दिया इस्तीफा, BJP में शामिल होने की अटकलें तेज

गुजरात में कांग्रेस विधायक सीजे चावड़ा ने यह कहते हुए विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया कि वह राम मंदिर के प्रति पार्टी के नजरिये से परेशान है.

नई दिल्ली: गुजरात में कांग्रेस विधायक सीजे चावड़ा ने यह कहते हुए विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया कि वह राम मंदिर के प्रति पार्टी के नजरिये से परेशान है. विजापुर निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार के विधायक ने विधानसभा अध्यक्ष शंकर चौधरी को अपना इस्तीफा सौंप दिया. 

जानें क्या है सीजे चावड़ा के इस्तीफे की वजह?  

कांग्रेस से अपने इस्तीफे पर सीजे चावड़ा ने कहा, ''मैंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. मैंने 25 साल तक कांग्रेस में काम किया है. इस्तीफे की वजह यह है कि जब राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश के लोगों में खुशी है. उस खुशी की लहर का हिस्सा बनने के बजाय कांग्रेस पार्टी ने जो दृष्टिकोण दिखाया है, वह परेशान करने वाला है इसलिए हमने इस्तीफा देने का फैसला किया है. हमें गुजरात के दो बड़े नेताओं पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कार्यों और नीतियों का समर्थन करना चाहिए लेकिन कांग्रेस में रहते हुए मैं ऐसा नहीं कर पाता, इसलिए मैंने इस्तीफा दे दिया."

गुजरात विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या 15 

चावड़ा के इस्तीफे के बाद 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा में कांग्रेस पार्टी की संख्या अब 15 हो गई है. उनके बीजेपी में शामिल होने की उम्मीद है हालांकि अभी तक कोई पुष्टि नहीं हुई है. सियासी चर्चाओं की मानें तो वह 4 फरवरी को बीजेपी में शामिल हो सकते हैं और लोकसभा चुनाव 2024 में साबरकांठा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. इससे पहले आनंद जिले के खंभात से कांग्रेस विधायक चिराग पटेल ने भी विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था.

रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह में नहीं शामिल होगा कांग्रेस आलाकमान

दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी को निमंत्रण दिया गया था लेकिन उन्होंने शामिल होने से इंकार कर दिया था. नागालैंड की राजधानी कोहिमा में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि आरएसएस और बीजेपी ने 22 जनवरी के समारोह को पूरी तरह से राजनीतिक नरेंद्र मोदी समारोह बना दिया है. यह आरएसएस-बीजेपी का कार्यक्रम है और मुझे लगता है कि इसीलिए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वह इस समारोह में नहीं जाएंगे. हम सभी धर्मों, सभी प्रथाओं के लिए खुले हैं. यहां तक ​​कि शंकराचार्य ने अपनी राय सार्वजनिक कर दी है कि वे 22 जनवरी के समारोह के बारे में क्या सोचते हैं कि यह एक राजनीतिक समारोह है. इसलिए हमारे लिए ऐसे राजनीतिक समारोह में जाना मुश्किल है.