'अगर नहीं नपा MLA तो बन जाऊंगा मुसलमान,' कांग्रेस के दलित नेता ने दी BJP सरकार को 'धमकी'

Gujarat Congress Dalit Leader: गुजरात कांग्रेस के दलित नेता ने कहा है कि अगर भाजपा विधायक और उनके पति पर कार्रवाई नहीं हुई तो पूरा परिवार इस्लाम धर्म अपना लेगा. इस्लाम धर्म अपनाने की बात कहने वाले कांग्रेस दलित नेता राजेश सोलंकी जूनागढ़ शहर एससी/एसटी सेल के अध्यक्ष हैं. साथ ही वे जूनागढ़ जिला अनुसूचित जाति समाज के चीफ भी हैं.

Social Media

Gujarat Congress Dalit Leader: कांग्रेस के जूनागढ़ शहर एससी/एसटी सेल के अध्यक्ष राजेश सोलंकी ने भाजपा विधायक और उनके पति के खिलाफ अगर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे परिवार के साथ इस्लाम धर्म अपना लेंगे. राजेश सोलंकी जूनागढ़ जिला अनुसूचित जाति समाज के चीफ भी हैं, जो दलित समुदाय का एक अनौपचारिक संगठन है. उनके बेटे संजय सोलंकी कांग्रेस की स्टूडेंट विंग नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के नेता हैं.

कांग्रेस के जूनागढ़ शहर एससी/एसटी सेल के अध्यक्ष ने कहा कि अगर गुजरात की भाजपा सरकार अपने विधायक का इस्तीफा नहीं मांगती है और उनके पति की गिरफ्तारी नहीं करती है, तो उनका पूरा परिवार और दलित समुदाय के कई अन्य लोग इस्लाम धर्म अपना लेंगे. राजेश सोलंकी का आरोप है कि उनके बेटे संजय सोलंकी पर मई में भाजपा विधायक गीताबा जडेजा के बेटे की ओर से कथित रूप से हमला किया गया था.

गीताबा जडेजा के बेटे ज्योतिरादित्यसिंह उर्फ ​​गणेश को संजय पर कथित हमले के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. बुधवार को राजेश सोलंकी जूनागढ़ जिला कलेक्टर के कार्यालय गए और राज्य सरकार से धर्म परिवर्तन की अनुमति लेने के लिए आवेदन पत्र लिए. ये कदम 6 जुलाई को मीडिया से बातचीत के कुछ दिनों बाद उठाया गया, जब उन्होंने कहा था कि अगर भाजपा सरकार गीताबा और उनके पति जयराजसिंह जडेजा के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती है तो वह और सोलंकी परिवार के करीब 150 सदस्य इस्लाम धर्म अपना लेंगे.

राजेश ने सरकार को 15 अगस्त तक का दिया अल्टीमेटम

राजेश ने मांग की कि 15 अगस्त तक भाजपा को गीताबा का इस्तीफा मांगना चाहिए. साथ ही, 30 और 31 मई की रात को संजय पर हमले में कथित भूमिका के लिए जयराजसिंह पर आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज करना चाहिए. ज्योतिरादित्यसिंह (25) के खिलाफ 31 मई को मामला दर्ज किया गया था, जब संजय (26) ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि विधायक के बेटे की गाड़ी चलाने को लेकर हुए विवाद के बाद ज्योतिरादित्यसिंह और अन्य ने जूनागढ़ से उसका अपहरण कर लिया था.

संजय ने शिकायत में आरोप लगाया कि आरोपी उसे राजकोट जिले के गोंडल ले गए, पिस्तौल दिखाकर धमकाया, उसके कपड़े उतार दिए और मोबाइल फोन पर इसकी रिकॉर्डिंग करते हुए उसे माफी मांगने के लिए मजबूर किया. इसके बाद पुलिस ने ज्योतिरादित्य सिंह और 10 अन्य को हत्या के प्रयास और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर लिया। सभी आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. हालांकि, संजय के पिता राजेश ने आरोप लगाया कि ज्योतिरादित्यसिंह के पिता जयराजसिंह, जो गोंडल से तीन बार विधायक रह चुके हैं, भी संजय के अपहरण और हमले की साजिश में शामिल थे.

भाजपा के 25 साल के शासन में दलितों के खिलाफ अत्याचार की 5000 घटनाएं: राजेश

राजेश ने बुधवार को कलेक्टर कार्यालय के बाहर मीडियाकर्मियों से कहा कि बीजेपी पिछले 25 सालों से गुजरात में शासन कर रही है और इस दौरान दलितों के खिलाफ अत्याचार की कम से कम 5,000 घटनाएं दर्ज की गई हैं. ऊना अत्याचार के पीड़ितों को आठ साल बाद भी न्याय नहीं मिला है. नागरिकों की सुरक्षा करना गुजरात सरकार का कर्तव्य है, लेकिन गोंडल गणेश, जो मौजूदा विधायक और पूर्व विधायक का बेटा है, ने मेरे बेटे का अपहरण कर लिया.

राजेश ने बताया कि अगर सरकार और भाजपा हमारी बात नहीं सुनती और हमारी मांगों पर सहमत नहीं होती तो हम एक विशाल रैली का नेतृत्व करेंगे. उन्होंने कहा कि हम दलितों के लिए न्याय की मांग को लेकर मुख्यमंत्री, राज्यपाल और भाजपा अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपेंगे. अगर सरकार इसके बाद भी कोई कदम नहीं उठाती है, तो हम इस्लाम धर्म अपना लेंगे, क्योंकि ऐसे धर्म का हिस्सा बने रहना समझदारी नहीं होगी, जिसके सदस्य हमारी कमर तोड़ते हैं, लेकिन जो अपनी बेटियों की शादी उन लोगों से करने में खुश हैं जो नमाज पढ़ते हैं और हमें हिंदू मानने से इनकार करते हैं.

पहले भाजपा के ही सदस्य थे राजेश सोलंकी

राजेश सोलंकी पहले भाजपा के ही सदस्य थे. 2004 में भाजपा के टिकट पर वे जूनागढ़ नगर निगम के लिए चुने गए थे. 2009 में वे कांग्रेस में शामिल हो गए. 2009 और 2014 में स्थानीय निकाय चुनाव जीते, हालांकि 2019 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. उधर, जूनागढ़ के रेजिडेंट एडिशनल कलेक्टर एनएफ चौधरी ने पुष्टि की कि राजेश ने धर्म परिवर्तन के लिए आवेदन पत्र एकत्र किए थे. उन्होंने कहा कि हालांकि, हमें अभी तक उनसे कोई भरा हुआ फॉर्म नहीं मिला है. उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात धर्म स्वतंत्रता अधिनियम जिला मजिस्ट्रेट को यह पता लगाने का अधिकार देता है कि क्या कोई व्यक्ति दबाव में धर्म परिवर्तन करना चाहता है या कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति को धर्म परिवर्तन के लिए लालच दे रहा है या नहीं.