menu-icon
India Daily

Gujarat: बजरंग बली का अपमान, जगतगुरु शंकराचार्य सदानंद सरस्वती लेंगे फैसला...जानें पूरा मामला

गुजरात के बोटाद स्थित श्रीकष्टभंजनदेव हनुमानजी मंदिर में हनुमानजी को स्वामी नारायण संप्रदाय के सहजानंद स्वामी के भक्त और दास के दौर पर दिखाने से विवाद खड़ा हो गया है.

auth-image
Edited By: Abhiranjan Kumar
Gujarat: बजरंग बली का अपमान, जगतगुरु शंकराचार्य सदानंद सरस्वती लेंगे फैसला...जानें पूरा मामला

Gujarat Botad Hanuman Mandir Controversy: गुजरात (Gujarat ) के बोटाद (Botad) में हनुमानजी की प्रतिमा को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. 54 फीट की प्रतिमा के नीचे बने चित्र में हनुमानजी को स्वामीनारायण संप्रदाय के स्वामी के आगे झुकते हुए दिखाया गया है. इसी साल अप्रैल महीने में इस विशालकाय प्रतिमा का अनावरण केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shag) ने किया था. यहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं.

जगतगुरु शंकराचार्य सदानंद सरस्वती लेंगे फैसला

अब हनुमानजी का अपमान करने की बात सामने आ रही है. हिंदू संतों ने मांग की है कि हनुमानजी का अपमान करने वाले चित्रों को तुरंत हटाया जाए. पवनपुत्र हनुमान का अपमान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसी क्रम में द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य सदानंद सरस्वती महाराज आज सनातन धर्म के देवी-देवताओं के अपमान को लेकर फैसला लेंगे. माना जा रहा है कि इसके बाद संत समुदाय की तरफ से बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हो सकते हैं.

स्वामी नारायण संप्रदाय के हाथों में है मंदिर का प्रबंधन

बता दें कि श्री कष्टभंजनदेव हनुमानजी मंदिर का प्रबंधन स्वामी नारायण संप्रदाय के हाथों में है. हिंदू संतों का आरोप है कि ये पहली बार नहीं है जब हिंदुओं के आराध्य देवों का अपमान किया गया है. यहां हनुमानजी की प्रतिमा को स्वामी नारायण संप्रदाय के स्वामी के आगे झुकते हुए दिखाया गया है. अब इसी को लेकर कोहराम मच गया है.

Botad Hanuman Mandir1
 

मोरारी बापू ने जताया विरोध

रामकथा वाचक मोरारी बापू ने भी मंदिर में उकेरे गए चित्रों पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि लोगों को इसके खिलाफ बोलना चाहिए. ये हमारे धर्म का अपमान है.

कलेक्टर को सौंपा गया ज्ञापन

गौरतलब है कि धार्मिक नेताओं के भी एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को बोटाद कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा था. उन्होंने विरोध करते हुए कलेक्टर से शिकायत की थी और इसे भगवान का अपमान बताया था. प्रतिनिधिमंडल ने तस्वीरों को हटाने की मांग की है.

यह भी पढ़ें: राजस्थान के सीकर में लगेगा बाबा बागेश्वर का दरबार, जानें तारीख और कार्यक्रम की पूरी Details