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India Daily

पुणे में GBS का कहर, अब तक 197 मामले; 50 ICU में तो वेंटिलेटर पर पहुंचे 20 मरीज

पुणे में गुलियन बेरी सिंड्रोम के मामलों में अचानक आई तेजी ने स्वास्थ्य विभाग को चिंतित कर दिया है. प्रशासन की ओर से सतर्कता बरती जा रही है और इलाज के पर्याप्त इंतजाम किए जा रहे हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि यदि समय रहते सही इलाज मिल जाए, तो इस बीमारी से पूरी तरह ठीक होना संभव है.

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Edited By: Babli Rautela
Guillain-Barre Syndrome
Courtesy: Social Media

Guillain-Barre Syndrome: महाराष्ट्र के पुणे में गुलियन-बेरी सिंड्रोम (GBS) के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, अब तक इस न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर के 197 संदिग्ध और पुष्ट मामले सामने आ चुके हैं. ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, पांच और नए मामले मिले हैं, जिनमें से दो हाल ही में सामने आए हैं, जबकि तीन पहले के दिनों से जुड़े हैं.

स्वास्थ्य विभाग का अपडेट

स्वास्थ्य विभाग की प्रेस रिलीज में बताया गया कि 197 मामलों में से 172 मरीजों का GBS से संबंधित उपचार किया गया है. पुणे के विभिन्न इलाकों में इस बीमारी के फैलाव का विवरण इस प्रकार है:

  • 40 मरीज पुणे नगर निगम क्षेत्र से
  • 92 मरीज PMC में नए जोड़े गए गांवों से
  • 29 मरीज पिंपरी चिंचवाड़ क्षेत्र से
  • 28 मरीज पुणे ग्रामीण इलाकों से
  • 8 मरीज अन्य जिलों से

अब तक 104 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है, जबकि 50 मरीज ICU में भर्ती हैं और 20 मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं.

GBS के कारण 7 संदिग्ध मौतें

स्वास्थ्य विभाग ने पुष्टि की है कि अब तक GBS के कारण सात लोगों की मौत हो चुकी है. डॉक्टरों के मुताबिक, यह एक दुर्लभ स्थिति है जिसमें इम्यून सिस्टम, पेरिफेरल नर्व्स (Peripheral Nerves) पर हमला करता है, जिससे मरीज को मांसपेशियों में कमजोरी, हाथ-पैरों में सुन्नपन और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

क्या है गुलियन बेरी सिंड्रोम (GBS)?

गुलियन बेरी सिंड्रोम एक रेयर न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जो आमतौर पर बहुत कम देखी जाती है. डॉक्टरों के अनुसार, इस बीमारी में पेरीफेरल नर्व्स डैमेज हो जाती हैं, जिससे मरीज के हाथ और पैरों में कमजोरी आने लगती है. यदि सही समय पर जांच और इलाज न मिले तो यह गंभीर रूप ले सकता है. हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि समय पर इलाज से मरीज पूरी तरह ठीक हो सकता है.

गुलियन बेरी सिंड्रोम के लक्षण

इस बीमारी के शुरुआती लक्षण हाथों और पैरों में झुनझुनी और कमजोरी के रूप में दिखाई देते हैं. यदि समय पर इलाज न किया जाए, तो यह लकवे (Paralysis) का रूप ले सकता है. GBS के लक्षण कुछ इस प्रकार हो सकते हैं:

  • हाथों, पैरों, टखनों या कलाई में झुनझुनी महसूस होना
  • पैरों और मांसपेशियों में कमजोरी आना
  • चलने में दिक्कत या सीढ़ियां चढ़ने में परेशानी
  • बोलने, चबाने और निगलने में कठिनाई
  • आंखों की डबल विजन या आंखों को हिलाने में समस्या
  • तेज मांसपेशियों में दर्द
  • मूत्र और मल त्याग में कठिनाई
  • सांस लेने में परेशानी