पुणे में GBS से दूसरी मौत, 56 साल की महिला की गई जान; 16 नए मामले
पुणे में Guillain-Barré Syndrome (GBS) के कारण 56 वर्षीय महिला की संदिग्ध मौत हो गई. महिला को 15 जनवरी को हाथ-पैरों में कमजोरी महसूस हुई और 17 जनवरी को उन्हें ससून जनरल अस्पताल में भर्ती किया गया था. अस्पताल में 28 जनवरी को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। GBS को मुख्य कारण बताया गया है.
GBS Death Case: पूणे में Guillain-Barré Syndrome (GBS) के कारण एक महिला की संदिग्ध मौत हो गई है. यह घटना बुधवार को सामने आई, जब सिंहगढ़ रोड के नंदोशी इलाके की रहने वाली 56 वर्षीय महिला ने ससून जनरल अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. यह राज्य में GBS से होने वाली दूसरी संदिग्ध मौत है.
महिला को 15 जनवरी को हाथ-पैरों में झनझनाहट और कमजोरी महसूस हुई थी. शुरुआत में वह निजी अस्पताल में इलाज कराने गई थीं, लेकिन बाद में उन्हें 17 जनवरी को ससून जनरल अस्पताल में भर्ती किया गया था. 28 जनवरी को इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई. अस्पताल के अधिकारियों के अनुसार, मौत का कारण श्वसन विफलता (respiratory failure), स्वायत्त तंत्रिका तंत्र (autonomic nervous system) की समस्या और पैरालिसिस था और GBS को मुख्य कारण बताया गया है. पुणे नगर निगम की स्वास्थ्य प्रमुख डॉ. नीना बोरे ने पुष्टि की कि यह मामला संदिग्ध GBS मौत के रूप में लिया जा रहा है. महिला पहले कैंसर की मरीज थीं, जो 5 साल पहले ओरल कैंसर का इलाज करवा चुकी थीं.
GBS के नए मामले
स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को पुणे जिले में संदिग्ध GBS के 16 नए मामले दर्ज किए. अब तक जिले में 72 मामलों की पुष्टि हुई है. कुल मिलाकर, 127 मरीज इलाज के लिए विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं, जिनमें से 20 मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं और 13 को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है.
टीम की निगरानी जारी
अधिकारियों ने बताया कि ज्यादातर मामले सिंहगढ़ रोड के आसपास के इलाके, जैसे कि किर्कटवाड़ी, डीएसके विश्वा, नांदेड़ सिटी और खड़कवासला से आए हैं. पानी में संदूषण के कारण मामलों में वृद्धि हो सकती है, लेकिन अभी तक इसका स्पष्ट कारण पता नहीं चल पाया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की विशेषज्ञ टीम ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है और पानी के स्रोतों, जैसे कि नांदेड़ गांव के कुएं की जांच कर रही है. इस टीम की निगरानी 31 जनवरी तक जारी रहेगी.
इस बीच, पुणे नगर निगम ने पानी के नमूने राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (NEERI) को भेजे हैं, जहां इनकी रासायनिक और जैविक जांच की जा रही है. 121 मल के नमूने राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (NIV) पुणे को भेजे गए थे, जिनमें से 21 सैंपल नोरोवायरस के लिए पॉजिटिव पाए गए.