राकेश शर्मा के बाद शभांशु शुक्ला बने अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय, ISS पर करेंगे योग और परोसेंगे देसी खाना

2025 में भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शभांशु शुक्ला पहली बार अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर यात्रा करेंगे. उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान अंतरिक्ष में योग करने और साथी अंतरिक्ष यात्रियों को देसी भोजन परोसने की योजना बनाई है. यह मिशन Axiom-4 के तहत SpaceX Dragon से लॉन्च होगा.

Twitter

IAF Group Captain Shubhanshu Shukla: 2025 में पहली बार अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शभांशु शुक्ला यात्रा करेंगे. उन्होंने अपनी योजना को लेकर कुछ अनोखा करने की बात की. शभांशु शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि वह अंतरिक्ष में योग करेंगे और साथी अंतरिक्ष यात्रियों को देसी खाना परोसेंगे. बता दें, यह मिशन Axiom-4 के तहत SpaceX Dragon अंतरिक्ष यान द्वारा लॉन्च किया जाएगा.

इस दिलचस्प यात्रा को लेकर शुभांशु शुक्ला बेहद एक्साइटेड हैं. उन्होंने एक ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि वह माइक्रोग्रैविटी का अनुभव करने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं और इस यात्रा के दौरान वह अंतरिक्ष स्टेशन पर योगा भी करेंगे. शुभांशु शुक्ला ने कहा, 'मैं कुछ योग आसन करने की योजना बना रहा हूं, ताकि मैं यह दिखा सकूं कि भारत की प्राचीन योग विधि अंतरिक्ष में भी काम कर सकती है'.

शुभांशु शुक्ला ने कही ये बात

इसके अलावा, शुभांशु शुक्ला ने अपने अंतरिक्ष यात्रा के दौरान भारत के अलग-अलग हिस्सों से कुछ खास चीजें लेकर जाने का भी इरादा जताया है. उनका उद्देश्य भारतीय संस्कृति और परंपरा को अंतरिक्ष में लेकर जाना है. उन्होंने कहा, 'मैं भारत के अलग-अलग क्षेत्रों से कुछ खास सामान साथ लेकर जाऊंगा और अंतरिक्ष में अपने साथियों को देसी भोजन भी खिलाऊंगा' 

भारतवासियों का सपना

शुभांशु शुक्ला का यह मिशन न केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह पूरे भारतवासियों का सपना भी है. वह चाहते हैं कि उनकी यात्रा के अनुभव को लोग उनके आंखों से देखें, ताकि भारत के 1.4 बिलियन लोग भी इस दिलचस्प यात्रा का हिस्सा बन सकें.

कौन जाएगा शुभांशु शुक्ला के साथ

इस मिशन में शुक्ला के साथ नासा की पागी व्हिटसन, पोलैंड के स्लावोस्ज उज्नास्की-विस्निव्स्की और हंगरी के तिबोर कपू भी अंतरिक्ष में जाएंगे. इस 14 दिन के मिशन में अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष अन्वेषण से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रयोग भी करेंगे.