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होनी को कौन टाल सकता है? विधाता का ऐसा खेल..., दुल्हन की गोद में दूल्हे की मौत!

विधाता शायद इससे ज्यादा नहीं चाहते थे! वरमाला और सातफेरों तक ही दूल्हे-दुल्हन का साथ लिखा था.' जिस बेटी को अपने घर जाना नहीं लिखा था, उसके पति को भगवान ने मंडप में ही छीन लिया. जिस घर में धूमधाम से वैवाहिक कार्यक्रम चल रहा था, उसी घर में मातम छा गया. यह होने में सिर्फ कुछ मिनट का समय लगा.

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Edited By: Kamal Kumar Mishra
Groom Death
Courtesy: x

मध्य प्रदेश के सागर जिले में दुल्हन की गोद में दूल्हे की मौत का मामला सामने आया है. यह एक ऐसा मामला है, जिसे सुनने वाला हर इंसान भावुक हो गया. मंडप में पंडित जी वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विवाह संपन्न करा रहे थे. इसी बीच दूल्हे ने दुल्हन की गोद में दम तोड़ दिया. मौजूद लोग दूल्हे को संभालने के लिए भागे, लेकिन होनी को कौन टाल सकता है? कुछ ही सेकेंड में 28 साल के दूल्हे हर्षित ने अपनी होने वाली प्राणप्रिया की गोद में अंतिम सांस ली. 

घटनास्थल पर मौजूद लोग सांत्वना देने की हालत में भी नहीं दिखे. कुछ लोगों के मुह से सिर्फ इतना निकला. 'होनी को भला कौन टाल सकता है? विधाता इससे ज्यादा नहीं चाहते थे. वरमाला और सातफेरों तक ही दूल्हे-दुल्हन का साथ लिखा था.' अपने घर जाना लड़की के भाग्य में नहीं था. 

पूरा मामला सागर जिल के गोपालगंज क्षेत्र का बताया जा रहा है, जहां पर हर्षित चौबे नाम के युवक मेडिकल स्टोर था और बढ़िया कमाई हो रही थी. हर्षित चौबे की शादी अपने इलाके में ही एक लड़की साथ तय हुई थी. हर्षित बारात लेकर लड़की के घर गए. बकायदे बरातियों का स्वागत हुआ. सब लोगों ने भोजन किया. इसके बाद जयमाल का भी कार्यक्रम संपन्न हुआ. इस दौरान लोग जमकर डांस भी किए. 

फेरे के समय दूल्हे की सीने में हुआ था दर्द

इसके बाद मंडप में विवाह के रश्मों की शुरुआत हुई. जब हर्षित अपनी दुल्हन के साथ सात फेरे ले रहा था, तभी उसके सीने में दर्द का एहसास हुआ. उसने सोचा कि शायद थकान की वजह से ऐसा हो रहा है. इसके बाद पत्नी के साथ वैवाहिक रश्मों को पूरा करने लगा. इस दौरान पास में बैठी दुल्हन को सीने में दर्द होने की बात भी बताई. 

दुल्हन की जिंदगी...एक सेकेंड..

देखते ही देखते हर्षित अपनी दुल्हन की गोद में ही सिर रख दिया. जबतक लोग कुछ समझ पाते हर्षित की मौत हो गई. लाल जोड़े में मंडप में बैठी दुल्हन की जिंदगी मानो एक पल में थम सी गई. जिस घर में खुशी का महौल था. मंगल गीत गाए जा रहे थे, अचानक सब दहाड़ मारकर रोने लगे. ऐसे में मंत्रोच्चार कर रहे पंडित जी भी रुक गए. दू्ल्हे को उठाकर घर वाले अस्पताल ले गए लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. 

जब हर्षित की लाश आई घर

हर्षित चौबे की मां घर पर अपने बेटे और बहु का इंतजार कर रही थी, लेकिन घर पर जब बेटे का शव पहुंचा तो अचेत हो गई. शनिवार को हर्षित का पैतृक गांव जैसीनगर में अंतिम संस्कार किया गया.