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दिल्ली में प्रदूषण से हालात बेकाबू, देर रात ग्रैप-4 लागू करने का फैसला, सुप्रीम कोर्ट का डर या कुछ और

दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता (AQI) लगातार बिगड़ती जा रही है. सोमवार देर रात वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के पार पहुंच गया जिसके बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने आज रात से ही दिल्ली और आसपास के इलाकों में GRAP के चौथे चरण को लागू कर दिया है. 

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Edited By: Sagar Bhardwaj
As air pollution increases, Grap 4 implemented in Delhi NCR

दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता (AQI) लगातार बिगड़ती जा रही है. सोमवार देर रात वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के पार पहुंच गया जिसके बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने आज रात से ही दिल्ली और आसपास के इलाकों में GRAP (Graded Response Action Plan) के चौथे चरण को लागू कर दिया है. 

पहले GRAP 3 और फिर GRAP 4

दिनभर, दिल्ली का AQI 300 के आसपास बना हुआ था, जिसके कारण CAQM ने पहले GRAP 3 के तहत पाबंदियों को लागू किया था लेकिन फिर देर रात में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार चला गया जिसके चलते आयोग को ग्रैप 4 लागू करना पड़ा.

दिल्ली-एनसीआर में हाइब्रिड मोड में चलेंगी क्लास
ग्रैप-4 लागू होते ही दिल्ली-एनसीआर में कक्षाओं को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और नोएडा में कक्षा 6-9 और 11 तक की पढ़ाई हाइब्रिड मोड में होगी. हाइब्रिड मोड मतलब छात्र पढ़ने के लिए फिजिकल या ऑनलाइन दोनों का विकल्प चुन सकते हैं. बच्चों के स्वास्थ को प्राथमिकता देते हुए यह कदम उठाया गया है.

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी दिल्ली सरकार को फटकार

बता दें कि 16 दिसंबर को वायु प्रदूषण को लेकर हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने ठोस कचरे के निपटारे को लेकर दिल्ली सरकार को आड़े हाथों लिया था. कोर्ट ने कहा कि 11 नवंबर को इस बारे में जानकारी मांगी गई थी 1 महीना हो गया इसके बावजूद बुनियादी जानकारी भी नहीं दी गई, यह दिल्ली सरकार की गंभीरता को दिखाता है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 19 दिसंबर की तारीख तय करते हुए दिल्ली के मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा. कोर्ट ने चेतावनी दी कि कि वह दिल्ली सरकार के अधिकारियों पर अवमानना का केस चलाने पर विचार करेगा.

GRAP 4 के तहत क्या रहेंगी पाबंदियां

  • दिल्ली में ट्रकों की एंट्री पर रहेगी रोक. किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य पर रहेगा पूरी तरह प्रतिबंध.
  • फिजिकल कक्षाओं पर पाबंदी लगा सकती है सरकार.
  • सरकार को सार्वजनिक, नगरपालिका और निजी कार्यालयों को 50 फीसदी क्षमता पर काम करने और बाकी को घर से काम करने की अनुमति देने पर फैसला लेना है.
  • राज्य सरकारें अतिरिक्त आपातकालीन उपायों पर विचार कर सकती हैं जैसे कॉलेज/शैक्षणिक संस्थानों को बंद करना और गैर-आपातकालीन वाणिज्यिक गतिविधियों को बंद करना. पंजीकरण संख्या के आधार पर वाहनों को चलाने की अनुमति देना आदि.
  • बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन, हृदय, मस्तिष्क संबंधी या अन्य पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों को बाहरी गतिविधियों से बचना चाहिए और घर के अंदर रहना चाहिए.
  • राजमार्गों और फ्लाईओवर जैसी सार्वजनिक परियोजनाओं सहित सभी निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर प्रतिबंध.
  • पिछले महीने दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता लगातार ‘गंभीर’ और ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही. जिसके कारण डॉक्टरों ने स्वास्थ्य चेतावनियां जारी कीं और सुप्रीम कोर्ट में सरकार को निर्देश देने के लिए मामलों की बाढ़ आ गई.