Citizenship Certificates In West Bengal: नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 के तहत नागरिकता प्रमाण पत्र देने की प्रक्रिया अब पश्चिम बंगाल में शुरू हो गई है. इसके तहत राज्य से प्राप्त आवेदनों के पहले सेट को आज पश्चिम बंगाल राज्य की अधिकार प्राप्त समिति द्वारा नागरिकता प्रदान की गई. इस संबंध में गृह मंत्रालय की ओर से सूचना जारी की गई है.
गृह मंत्रालय के अनुसार, नागरिकता (संशोधन) नियम 2024 के तहत नागरिकता प्रमाण-पत्र देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. आज पश्चिम बंगाल के साथ ही हरियाणा और उत्तराखंड राज्य की समितियों ने भी नागरिकता (संशोधन) नियम 2024 के तहत राज्यों में आवेदकों के पहले सेट को नागरिकता प्रदान की है.
नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 के तहत पहली बार दिल्ली की अधिकार प्राप्त समिति ने लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान की थे. इसके लिए 15 मई को कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसमें केंद्रीय गृह सचिव ने सभी को नागरिकता प्रमाण पत्र दिए थे.
भारत सरकार ने दिसंबर 2019 में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न की वजह से 31 दिसंबर 2014 को या इससे पहले आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने के लिए सीएए बनाया है. राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद इसे देश में 11 मार्च को अधिसूचित किया था.
चुनावी भाषणों के दौरान प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर हमला किया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि TMC की सरकार में घुसपैठिए पनप रहे हैं. TMC धार्मिक रूप से सताए गए अल्पसंख्यकों को नागरिकता नहीं देने देना चाहती. पश्चिम बंगाल में आरक्षण लूट चल रहा है और मुसलमानों को झूठे ओबीसी प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं. वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार CCA को विरोध करती रही है. उन्होंने चुनावों में भी इस मुद्दे को जमकर उठाया था.