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बढ़ती प्याज की कीमतों से हैं परेशान, यहां से खरीदें सस्ता प्याज

प्याज के निर्यात पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) की पाबंदी हटाए जाने के बाद प्याज की कीमतों ने तेजी पकड़ ली है. लोगों को सस्ती दरों पर प्याज मुहैया कराने के लिए सरकार ने योजना बनाई है.

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Edited By: India Daily Live
Onion Prices
Courtesy: freepik

Onion Prices: प्याज के निर्यात पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) की पाबंदी हटाए जाने के बाद प्याज की कीमतों ने तेजी पकड़ ली है. प्याज की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए और लोगों को महंगाई से राहत देने के लिए सरकार ने थोक बाजारों में बफर स्टॉक से ब्रिकी बढ़ाकर प्याज की कीमतों पर अंकुश लगाने के अपने प्रयास तेज कर दिए हैं.

उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने सोमवार को कहा कि केंद्र ने दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों के थोक बाजारों में अपने बफर स्टॉक (भंडार) से प्याज निकालना शुरू कर दिया है जिसके पीछ सरकार का उद्देश्य देशवासियों को सब्सिडी पर प्याज उपलब्ध कराना है.

प्याज की बुवाई का बढ़ा रकबा
खरे ने कहा कि निर्यात शुल्क हटने के बाद से हमें इस बात का अनुमान था कि कीमतों में उछाल देखने को मिलेगा. हालांकि खरीब की बुवाई के रकबा बढ़ने के कारण आने वाले समय में प्याज की कीमतों में कमी आने की उम्मीद है.

35 रुपए किलो पर प्याज बेचेगी सरकार 
खरे ने बताया कि सरकार की पूरे देश में 35 रुपए किलो पर प्याज बेचने की योजना है. उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान उन शहरों पर अधिक है जहां राष्ट्रीय औसत कीमत से अधिक कीमत पर प्याज बेची जा रही है.

55 रुपए किलो पहुंची प्याज की कीमत
आधिकारिक आंकड़ों की मानें तो 22 सितंबर को दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमत 55 रुपए प्रति किलो थीं जबकि एक साल पहले की समान अवधि में प्याज की कीमतें 38 रुपए प्रति किलो थीं. वहीं मुंबई और चेन्नई में प्याज की कीमतें क्रमश: 58 रुपए और 60 रुपए किलो पहुंच गई हैं. 

सरकार दिल्ली और अन्य राज्यों की राजधानियों में मोबाइल वैन और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (NCCF) तथा भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड) की दुकानों के जरिए 5 सितंबर से 35 रुपए प्रति किलो की दर से प्याज बेच रही है. इस बार प्याज की फसल का रकबा बढ़ा है, जिसकी वजह से सरकार को आगामी खरीफ की कटाई सीजन में प्याज का रिकॉर्ड उत्पादन होने की उम्मीद है.