Government Sahkar Taxi: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में आम जनता के लिए खास घोषणा की है. उन्होंने बताया कि सरकार 'सहकारी टैक्सी' शुरू करने जा रही है. यह एक सहकारी आधारित सवारी सेवा है, जिसे ड्राइवरों को फायदा पहुंचाने के लिए डिजाइन किया गया है. ओला और उबर जैसी ऐप-बेस्ड सर्विस के आधार पर बनाई गई इस पहल से सहकारी समितियों को दोपहिया, टैक्सी, रिक्शा और चार पहिया वाहनों को रजिस्टर करने की अनुमति मिलेगी.
लोकसभा में बोलते हुए अमित शाह ने जोर देकर कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'सहकारी से समृद्धि' के दृष्टिकोण के अनुरूप है. गृह मंत्री ने कहा, 'यह सिर्फ एक नारा नहीं है. मिनिस्ट्री ऑफ कोऑपरेशन ने इसे जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए साढ़े तीन साल तक कोशिश की है. कुछ महीनों में, एक प्रमुख सहकारी टैक्सी सेवा शुरू की जाएगी, जिससे ड्राइवरों को सीधा लाभ मिलेगा.'
सरकार ने यह फैसला लिया है जब प्रमुख राइड-हीलिंग प्लेटफॉर्म्स ओला और उबर पर दामों के आरोपों की जांच बढ़ी. दरअसल, केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने हाल ही में दोनों कंपनियों को नोटिस जारी किया, जब ऐसी रिपोर्टें सामने आईं, जिनमें बताया गया कि सवारी का किराया इस आधार पर अलग-अलग होता है कि कोई यूजर्स iPhone या Android डिवाइस के जरिए बुकिंग कर रहा है या नहीं.
आरोपों के जवाब में, ओला ने प्लेटफॉर्म-बेस्ड मूल्य भेदभाव के दावों का खंडन किया. कंपनी ने कहा, 'हमारे पास अपने सभी ग्राहकों के लिए एक समान प्राइस स्ट्रक्चर है और हम समान सवारी के लिए यूजर्स के सेलफोन के ऑपरेटिंग सिस्टम के आधार पर भेदभाव नहीं करते हैं.'
Uber ने भी आरोपों का खंडन किया और कहा कि यात्रा की प्राइस किसी सवार के फोन मॉडल द्वारा निर्धारित नहीं होता है. Uber के प्रवक्ता ने कहा, 'हम सवार के फोन निर्माता के आधार पर कीमतें निर्धारित नहीं करते हैं. हम किसी भी गलतफहमी को दूर करने के लिए CCPA के साथ काम करने के लिए तैयार हैं.'