‘महाकुंभ भगदड़ का सही आंकड़ा जारी करे सरकार…,’ संसद में बोले अखिलेश यादव
प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ को लेकर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने संसद में यह दावा किया है कि 29 जनवरी को अमृत स्नान के दौरान कई लोगों की मौत हुई है, सरकार द्वारा असली आंकड़ों को छिपाने की कोशिश की जा रही है.
Akhilesh Yadav on the stampede in Maha Kumbh: प्रयागराज के महाकुंभ मेले में 29 जनवरी को अमृत स्नान के दिन मची भगदड़ में लगभग 30 लोगों की मौत हो गई. वहीं 60 लोगों के घायल होने की भी जानकारी सामने आई है. इस घटना को विपक्षी नेताओं ने यूपी सरकार और केंद्र सरकार की विफलता बताई. वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस मामले पर दुख जताते हुए भावुक देखा गया. लेकिन अब विपक्ष का दावा है कि सरकार इस घटना के असली आंकड़ों को छिपाने की कोशिश कर रही है.
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि डबल इंजन की सरकार 29 जनवरी को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेले में मची भगदड़ में मरने वालों की वास्तविक संख्या छिपा रही है. उन्होंने दावा किया है कि यह संख्या इससे कई ज्यादा अधिक है.
संसद में सरकार पर बरसे सपा प्रमुख
अखिलेश यादव ने मंगलवार को संसद में बोलते हुए कहा कि सरकार लगातार बजट के आंकड़े दे रही है, लेकिन कृपया महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े भी बताएं. उन्होंने आगे अपनी मांग को रखते हुए सरकार से कहा कि मैं मांग करता हूं कि महाकुंभ की व्यवस्थाओं के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाई जानी चाहिए. महाकुंभ आपदा प्रबंधन और खोया-पाया केंद्र की जिम्मेदारी सेना को दी जानी चाहिए.
इतना ही नहीं उन्होंने यह तक कह दिया कि महाकुंभ हादसे में हुई मौतों, घायलों के इलाज, दवाइयों, डॉक्टरों, भोजन, पानी, परिवहन की उपलब्धता के आंकड़े संसद में पेश किए जाने चाहिए. महाकुंभ त्रासदी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए और जिन्होंने सच्चाई छिपाई है, उन्हें दंडित किया जाना चाहिए. हम डबल इंजन की सरकार से पूछते हैं कि अगर कोई दोष नहीं था, तो आंकड़ों को क्यों दबाया, छिपाया और मिटाया गया?
विपक्षी नेताओं का बड़ा दावा
सपा प्रमुख द्वारा संसद में किए गए इस दावे के बाद राजनीतिक हलचल और भी ज्यादा तेज हो गई है. नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर और भी ज्यादा तेज हो गया है. विपक्षी नेताओं का कहना है कि अभी भी महाकुंभ में शामिल हुए सैंकड़ो लोगों के बारे में पता नहीं चल पाया है. समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने दावा किया है कि 15,000 लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों के लापता होने की सूचना दी है और वहीं सरकार के पास कोई डेटा नहीं है, कोई जानकारी नहीं दे रही है. सोमवार को एकजुट विपक्ष ने 29 जनवरी के महाकुंभ भगदड़ पर तत्काल चर्चा की मांग करते हुए चल रहे बजट सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों को बाधित किया. 5 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रयागराज में महाकुंभ में डुबकी लगाने वाले हैं.