Supreme Court On Free Ration: सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों द्वारा मुफ्त में दी जाने वाली सुविधाओं (फ्रीबीज) पर कड़ी टिप्पणी की है. अदालत ने कहा कि इस तरह की घोषणाएं एक गलत प्रथा बन गई हैं और इसके कारण लोग काम करने से भागने लगे हैं. उन्हें बिना मेहनत किए ही फ्री में राशन और पैसे मिल रहे हैं जिससे वे काम करने से बच रहे हैं. कई जगहों पर फ्री राशन दिया जाता है जिसकी वजह से लोग काम से बचते हैं क्योंकि राशन तो फ्री मिल ही जाता है. हालांकि, अब इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने भी दखल देना शुरू कर दिया है.
यह टिप्पणी जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने की है. बता दें कि यह मामला शहरी क्षेत्रों में बेघर लोगों के लिए आश्रय देने से जुड़ा था. सुनवाई के दौरान जस्टिस गवई ने कहा कि फ्री सुविधाओं के कारण लोग आलसी हो रहे हैं. उन्हें मुफ्त राशन और पैसा मिल रहा है, जिससे वे काम करने की जरूरत ही नहीं समझते.
अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि ने अदालत को बताया कि केंद्र सरकार अर्बन पावर्टी एरडिकेशन मिशन तैयार कर रही है. इस प्लान के तहत बेघर लोगों के लिए रहने की व्यवस्था समेत कई अन्य सुविधाएं दी जाएंगी. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा कि इस मिशन को लागू करने में कितना समय लगेगा. फिलहाल, इस मामले की सुनवाई को छह हफ्तों के लिए टाल दिया गया है.
इस मामले को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें राजनीतिक दलों द्वारा दिए जाने वाले वादों को चुनौती दी गई थी। यह याचिका रिटायर्ड जज एसएन ढींगरा ने दायर की थी. लेकिन हाई कोर्ट ने इस पर विचार करने से इनकार कर दिया है.