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'सरकार पूरी तरह नहीं कर सकती नियंत्रित, बाहरी स्रोत जिम्मेदार', दिल्ली प्रदूषण पर मंत्री गोपाल राय का बड़ा बयान

Delhi Air Pollution: दिल्ली प्रदूषण को लेकर गोपाल राय ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि सरकार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण को पूरी तरह से नियंत्रित नहीं कर सकती है और शहर के बाहर के स्रोत अंदर की तुलना में दोगुना प्रदूषण फैलाते हैं.

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Edited By: Avinash Kumar Singh
'सरकार पूरी तरह नहीं कर सकती नियंत्रित, बाहरी स्रोत जिम्मेदार', दिल्ली प्रदूषण पर मंत्री गोपाल राय का बड़ा बयान

नई दिल्ली: दिल्ली में वायु प्रदूषण चुनौती को लेकर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बड़ा बयान दिया है. गोपाल राय ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि सरकार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण को पूरी तरह से नियंत्रित नहीं कर सकती है और शहर के बाहर के स्रोत अंदर की तुलना में दोगुना प्रदूषण फैलाते हैं. दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली सरकार प्रदूषण स्तर पर अंकुश लगाने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही है.

जानें दिल्ली का क्या है AQI?

आज शुक्रवार की सुबह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कई हिस्सों में हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज किया गया. जिसमें मुंडका में उच्चतम वायु गुणवत्ता सूचकांक (498) दर्ज किया गया. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार लोधी रोड क्षेत्र में एक्यूआई 438, जहांगीरपुरी में 491, आरके पुरम क्षेत्र में और आईजीआई हवाई अड्डे (टी3) में  486 और 473 AQI दर्ज किया गया.

'शहर के बाहरी स्रोत अंदर की तुलना में फैलाते दोगुना प्रदूषण'

दिल्ली सरकार की ओर से प्रदूषण पर अंकुश लगाने के विफलता के सवाल पर गोपाल राय ने कहा, "सबसे पहले यह सोचना गलत है कि दिल्ली सरकार प्रदूषण को पूरी तरह से नियंत्रित कर सकती है क्योंकि प्रदूषण का मामला अकेले दिल्ली का नहीं है. दिल्ली के बाहर के स्रोत दिल्ली के स्रोतों की तुलना में यहां दोगुना प्रदूषण फैलाते है."

'दिल्ली सरकार का युद्धस्तर पर काम जारी'

दिल्ली सरकार युद्धस्तर पर काम कर रही है. उन्होंन कहा "यह सीएम अरविंद केजरीवाल के प्रयासों का नतीजा है कि केंद्र सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, 2015 में 365 में से केवल 109 दिन ऐसे थे, जिनमें हवा की गुणवत्ता अच्छी थी. पिछले साल हम 163 दिन तक पहुंच गए थे. इस साल दिल्ली में 200 से अधिक दिनों तक अच्छी वायु गुणवत्ता रही. दिल्ली सरकार के प्रयासों के बाद शहर भर में पिछले साल पहचाने गए 13 से 14 हॉटस्पॉट अब घटकर 4 से 5 हो गए हैं. पूरे उत्तर भारत में AQI की ऐसी स्थिति है. नवंबर के अगले 15 दिन वायु प्रदूषण के लिहाज से महत्वपूर्ण रहने वाले हैं. दिल्ली में हवा की गति कम है और तापमान नीचे जा रहा है. इसे देखते हुए GRAP 3 नियम लागू किए गए हैं. हमने आज दोपहर 12 बजे सभी संबंधित विभागों की बैठक बुलाई है. इसके लिए नियम और नीतियां बनाई है और निर्देशित भी किया जा रहा है. इसका कार्यान्वयन सख्त नहीं बल्कि एक चुनौती हैं''

दिल्ली के साथ नोएडा में AQI लेबल खराब

दिल्ली के साथ नोएडा के एनसीआर क्षेत्र में कई स्थानों पर AQI भी 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गया, सेक्टर 62, सेक्टर 1 और सेक्टर 116 में क्रमशः 483, 413 और 415 दर्ज किया गया है. नोएडा के रहने वाले एक व्यक्ति का कहना है "घने धुंध के कारण उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी है. मैं अपने गले में जलन और सांस लेने में कठिनाई महसूस कर सकता हूं. इसके बारे में कुछ किया जाना चाहिए. बीमार व्यक्ति कैसे ठीक से सांस लेगा? आप देख सकते हैं कि स्थिति कैसी है''

अगले दो दिनों तक स्कूलों को बंद रखने का आदेश

इस बीच दिल्ली सरकार ने गुरुवार को सभी सरकारी और निजी प्राथमिक स्कूलों को अगले दो दिनों तक बंद रखने का आदेश दिया है. 
बिगड़ती वायु गुणवत्ता के मद्देनजर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने गुरुवार को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के तीसरे चरण को लागू किया. GRAP का चरण III तब लागू किया जाता है जब AQI 401-450 की सीमा में गंभीर हो जाता है. प्रदूषण से निपटने के लिए अपनी प्रतिक्रिया के तहत राज्य सरकार कुछ क्षेत्रों में बीएस III पेट्रोल और बीएस IV डीजल चार पहिया वाहनों पर सख्त प्रतिबंध लगा सकती है और कक्षा 5 तक के प्राथमिक ग्रेड के बच्चों के लिए स्कूलों में शारीरिक कक्षाएं निलंबित कर सकती है. 

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