मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हर साल बकरों की एक प्रदर्शनी लगती है. इस प्रदर्शनी में एक से बढ़कर एक बकरे आते हैं. कोई अपनी कीमत की वजह चर्चा में आता है, तो कोई अपनी अलब खूबियों की वजह से महफिल लूट ले जाता है. यहां आने वाले बकरे हर साल लाखों की कीमत पर नीलाम होते हैं. इस बार भी कुछ ऐसा हुआ है और एक बकरा लाखों रुपये में बेचा गया है. इस बकरे का वजन 161 किलोग्राम था. रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार इस प्रदर्शनी में कुल 10 बकरे आए थे जिनके लिए कई शहरों से आए लोगों ने नीलामी में बोली लगाई.
बकरों की इसी प्रदर्शनी में टोरेंटो नामक बकरे को साढ़े सात लाख रुपये में पुणे के एक व्यापारी ने खरीदा है. इसके अलावा और भी बकरे मार्केट से लाखों की कीमत में बेचे गए लेकिन टोरेंटो नामक बकरे की प्रशंसा सभी व्यापारियों ने की है. टोरेंटो की कद-काठी और उसका वजन अन्य बकरों से बहुत ही अलग था. शायद यही सारे कारण हैं जिसकी वजह से उस प्रदर्शनी के सबसे महंगे बकरों में नंबर एक पर टोरेंटो ने अपना नाम दर्ज कराया है.
क्यों सबसे महंगा साबित हुआ टोरेंटो?
यह प्रदर्शनी भोपाल के रेशमबाग नारियल खेड़ा में लगती है. बता दें कि टोरेंटो के अलावा और भी बकरे थे जिनके नाम तूफान और रफ्तार थे. इन दोनों बकरों को परखने के लिए देशभर से बकरा शौकीनों का मजमा लगा हुआ था. यहां पर बकरों की नीलामी कुर्बानी के मकसद से की जाती है. इसी मेले से 161 किलोग्राम वाले टोरेंटो को साढ़े सात लाख रुपये में पुणे के एक कारोबारी ने खरीदा है. टोरेंटो पूरे मेले का सबसे मजबूत और वजनी बकरा था.
प्रर्दशनी में टोरेंटो के अलावा तूफान नाम का भी एक सबसे छोटा बकरा था. यह बकरा कश्मीरी नस्ल का था. यह वजन में बहुत ही कम था लेकिन अपनी नस्ल की वजह से यह उस मेले में दूसरा सबसे ज्यादा महंगा बकरा बन गया था. इस बकरे का कुल वजन 40 किलोग्राम था और ऊंचाई मात्र 23 इंच थी. उसके बाद भी सिर्फ इसकी नस्ल की वजह से व्यापारियों ने इसे सात लाख रुपये में खरीदा.
इस प्रदर्शन का आयोजन हर वर्ष साहब अली के द्वारा करवाया जाता है. साहब अली ने मीडिया को बताया कि यह उनका पांचवां शो था. इसका मकसद कुर्बानी के बकरों के प्रति अपना प्रेम और अपनी काबिलियत को सबके सामने लाना है. साहब अली के मुताबिक, इस प्रदर्शनी में कुल 10 बकरों ने भाग लिया था. जिनमें से अधिकतर बकरे एक लाख रुपये से ज्यादा कीमत वाले थे. उन्होंने बताया कि टोरेंटो को बकरा व्यापारियों की यूनियन ने सबसे वजनी और ऊंचे बकरे का खिताब दिया है.