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गोवा के DGP ने 'लेडी' के लिए घर गिरवाया, पुलिसकर्मियों को भी धमकाया, बुलडोजर एक्शन ड्राइव में खुलासा

गोवा के डीजीपी जसपाल सिंह को लेकर पुलिस की ओऱ से राज्य के मुख्य सचिव को भेजी गई एक रिपोर्ट में बड़ा आरोप लगाया गया है. कहा गया है कि डीजीपी जसपाल सिंह ने पुलिस पर प्रेशर बनाकर कब्जा किए गए एक घर पर बुलडोजर चलवाया. साथ ही एक्शन न लेने पर पुलिस अफसरों को परिणाम भुगतने की धमकी भी दी. ये सब कुछ डीजीपी ने मुंबई में तैनात इंटेलिजेंस अफसर की पत्नी के लिए किया. आइए, पूरा मामला जानते हैं.

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Edited By: India Daily Live
 Assagao demolition
Courtesy: Social Media

गोवा के असगांव हाउस डिमोलिशन मामले में नया खुलासा हुआ है. राज्य की पुलिस ने मुख्य सचिव को भेजी रिपोर्ट में कहा है कि डीजीपी जसपाल सिंह ने एक परिवार की ओर से कब्जा किए गए घर पर बुलडोजर चलाने की अनुमति देने का दबाव बनाया था. ये सब कुछ मुंबई की रहने वाली पूजा शर्मा के लिए किया गया था, जो इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट के सीनियर अधिकारी की पत्नी हैं. डीजीपी, पूजा शर्मा के लिए ही कब्जा किए गए घर को खाली कराना चाहते थे. मुख्य सचिव को भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि पूजा के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने के निर्देश देने के अलावा, डीजीपी ने अंजुना पुलिस अधिकारियों को धमकी दी कि अगर बुलडोजर एक्शन जारी नहीं रहने दिया गया, तो उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे.

रिपोर्ट में कहा गया है कि जब अंजुना पुलिस ने तोड़फोड़ को रोकने की कोशिश की, तो डीजीपी चिल्लाने लगे और कहा कि मकान को किसी भी कीमत पर गिराया जाना चाहिए. डीजीपी ने अंजुना पुलिस को ये भी निर्देश दिया कि अगर कोई व्यक्ति डिमोलिशन ड्राइव में रोड़ा बन रहा है, तो उसे पुलिस स्टेशन लाया जाना चाहिए. ये पूरी रिपोर्ट अंजुना पुलिस की ओर से गुरुवार को मुख्य सचिव पुनीत गोयल और नॉर्थ गोवा के एसपी अक्षत कौशल को सौंपी गई है. 

असगांव हाउस डिमोलिशन मामले में सीएम ने दिए थे जांच के आदेश

पूरे मामले के सामने आने के बाद मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बुधवार को मुख्य सचिव को बुलडोजर एक्शन की विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि डीजीपी ने पहले एसडीपीओ (सब डिविजनल पुलिस ऑफिसर) मापुसा, संदेश चोडानकर के साथ अंजुना पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की थी और उनसे पूजा शर्मा की ओर से असगांव संपत्ति की खरीद पर चर्चा की थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि डीजीपी ने हमें घर खाली करने में पूजा शर्मा की मदद करने का निर्देश दिया था.

रिपोर्ट में कहा गया है कि 22 जून को डीजीपी ने अंजुना के पुलिस अधिकारियों को फोन किया और उन्हें जानकारी दी कि पूजा शर्मा असगांव आएगी और पुलिस को उनकी मदद करनी होगी. इस दिन के पूरे घटनाक्रम के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि दोपहर 2.32 बजे, अंजुना पुलिस को पणजी पुलिस कंट्रोल रूम से फोन आया कि एक व्यक्ति को उनकी मदद की ज़रूरत है क्योंकि कुछ लोग असगांव में गंगा टाइल्स फैक्ट्री के पास उसके घर को तोड़ रहे हैं.

अंजुना पुलिस के सब इंस्पेक्टर (पीएसआई) संकेत पोखरे और नितिन नाइक घटनास्थल पर पहुंचे और पाया कि बुलडोजर से एक घर को तोड़ा जा रहा है. मकान के अंदर जो परिवार मौजूद था, उनके मुखिया प्रदीप अगरवाडेकर ने दावा किया कि वे घर के अंदर थे और अचानक कुछ लोग आए और बुलडोजर से मेरे घर के ग्राउंड फ्लोर पर तोड़फोड़ करने लगे. रिपोर्ट में कहा गया है कि संकेत पोखरे और नितिन नाइक ने बुलडोजर एक्शन को बंद करा दिया और उसे थाना लेकर आए गए.

इसके बाद अंजुना पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी थी, तभी डीजीपी का फोन आया, जिसमें उन्होंने पूछा कि घर को गिराने का काम क्यों रोक दिया गया है? रिपोर्ट में कहा गया है कि जब डीजीपी को पूरी स्थिति के बारे में बताया गया, तो वे नाराज हो गए और कहा कि जब घर को गिराने का काम चल रहा था, तब घर के अंदर कोई नहीं था, क्योंकि उन्होंने खुद इसकी पुष्टि की है.

रिपोर्ट में दावा- डीजीपी बोले, घर में मौजूद लोगों को थाने ले जाइए, घर को गिराइए

रिपोर्ट में कहा गया है कि डीजीपी अंजुना पुलिस पर दबाव डाल रहे थे कि वे घर के रहने वालों को पुलिस स्टेशन ले जाएं और घर को गिराने का काम जारी रहने दें. इसके बाद अंजुना पुलिस ने प्रदीप अगरवाडेकर को थाना आकर अपनी शिकायत दर्ज कराने का निर्देश दिया. इसके बाद प्रदीप की पत्नी प्रिंशा अपनी बेटी के साथ थाना पहुंची और रिपोर्ट दर्ज कराई कि जब वे पुलिस स्टेशन में थे, तो अरशद ख्वाजा नाम का व्यक्ति आया और उसने पुलिस को बताया कि वो टॉप लेवल के अधिकारी के निर्देश के अनुसार घर को गिरा रहा है. उसने दावा किया कि पुलिस को उस टॉप लेवल के अधिकारी के पास से फोन आया होगा.

ख्वाजा ने पुलिस को ये भी बताया कि उसे फिर से काम शुरू करने के निर्देश मिले हैं और कहा कि अगर पुलिस को कोई संदेह है तो वे उनसे (टॉप के अफसर) संपर्क कर सकते हैं. इस दौरान ख्वाजा ने अपना मोबाइल नंबर भी शेयर किया. वहीं, बुलडोजर के मालिक एशले रोड्रिग्स भी पुलिस स्टेशन पहुंचे और बताया कि ख्वाजा ने उन्हें बताया था कि उनके टॉप के अफसरों से कनेक्शन हैं और ख्वाजा मौके पर सभी चीजों का प्रबंधन करेगा.

रिपोर्ट के मुताबिक, डीजीपी ने अंजुना पुलिस को फिर से बुलाया और निर्देश दिया कि किसी भी तरह से घर को गिराने का काम होना चाहिए और किसी को भी काम नहीं रोकना चाहिए... ताकि अरशद ख्वाजा घर को गिराना जारी रख सकें. अंजुना पुलिस की रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि डीजीपी सिंह ने उन्हें बताया कि पूजा शर्मा संपत्ति की मालिक हैं और प्रिंशा अगरवाडेकर की शिकायत में कोई संज्ञेय अपराध नहीं बनता है. इसलिए, उनकी (प्रिंशा की) शिकायत पर कार्रवाई करने की कोई आवश्यकता नहीं है.

आखिर पूरा मामला क्या है?

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंटेलिजेंस अफसर की पत्नी पूजा शर्मा ने मकान मालिक से मकान का सेल डीड खरीदा था, जबकि मकान में रह रहे परिवार का दावा है कि वे  2001 से ही मालिक इन पॉजेशन हैं. मकान में रहने वाले परिवार का दावा है कि वे 2001 से ही इस संपत्ति के मालिक हैं और मकान के पहले के मालिक की ओर से दिए गए वैलिड एनओसी उनके पास है. पहले का मकान मालिक भी जानता है कि संपत्ति के मालिक हम ही हैं. 

पीड़ित परिवार की ओर से आरोप लगाया गया कि पहले के मालिक जिससे मकान खरीदा था, उसने एक अन्य आरोपी के साथ मिलकर गलत सेल डीड बनाया है और मकान पर कब्जा करना चाहता है. परिवार की ओर से आरोप लगाया गया कि पुलिस आरोपियों को बचा रही है. फिलहाल, गोवा के डीजीपी जसपाल सिंह ने आखिर मुंबई की रहने वाली पूजा शर्मा की मदद क्यों की, इस बारे में अंजुना पुलिस की रिपोर्ट में कुछ नहीं बताया गया है.