केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ट्रेन के पटरी से उतरने की हाल की घटनाओं पर चिंता जताई और दावा किया कि पाकिस्तान के आतंकवादियों के कुछ 'स्लीपर सेल' इन हमलों को अंजाम दे रहे हैं. गुरुवार को एक एक्स पोस्ट में भाजपा नेता ने ये भी दावा किया कि एक विशेष समुदाय के लोग इस तरह के सभी हमलों को अंजाम दे रहे हैं, इसलिए उनके राजनीतिक स्लीपर सेल भी इस मुद्दे पर चुप हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स और वायरल वीडियो में कुछ लोगों की ओर से ट्रैक पर अलग-अलग चीजें रखकर ट्रेन की आवाजाही में बाधा डालने के बारे में पूछे जाने पर गिरिराज सिंह ने कहा कि वायरल वीडियो में बच्चों को हथौड़ों से रेलवे ट्रैक के जोड़ हटाते हुए दिखाया गया है. उन्होंने कहा कि हाल ही में जो रेल दुर्घटनाएं हुई हैं, उनमें एक खास समुदाय के लोग शामिल हैं, जो आतंकवादियों का स्लीपर सेल है और राजनीतिक स्लीपर सेल भी है. उन्होंने पूछा कि आखिर कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस सब पर चुप क्यों हैं?
पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों के स्लीपर सेल इन ट्रेन हमलों को अंजाम दे रहे हैं और ये हमले एक खास समुदाय के लोगों द्वारा किए जा रहे हैं, इसलिए उनके राजनीतिक स्लीपर सेल भी इस मुद्दे पर चुप हैं।
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) August 29, 2024
केंद्रीय मंत्री ने आगे दावा किया कि ऐसी सभी घटनाएं संयोग नहीं थीं, बल्कि भारतीय रेलवे और देश में अराजकता पैदा करने का एक प्रयोग था. विपक्ष पर हमला करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि न तो राहुल गांधी और न ही पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, कोई भी 'टुकड़े-टुकड़े' गिरोह अपना मुंह नहीं खोलेगा. उन्होंने कहा कि इनकी जुबान तभी खुलेगी जब पॉलिटिकल टूरिज्म होगा. ये तभी बोलेंगे जब हादसा हो जाएगा.
गिरिराज सिंह ने कहा कि कि देश को सोचना होगा कि यह समुदाय एक लाख किलोमीटर से ज़्यादा लंबी रेलवे लाइन पर ऐसी हरकतें क्यों कर रहा है, जो उन इलाकों से भी गुज़रती है जहां हमारी मुस्लिम आबादी रहती है. वे भारत को बांग्लादेश बनाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, राहुल गांधी, लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव राजनीतिक स्लीपर सेल हैं.
वीडियो वायरल हो रहा है, बच्चे हथौड़ों से रेल पटरी के जोड़ हटा रहे हैं. उसके ऊपर स्लीपर से लोग दिशा-निर्देश दे रहे हैं।
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) August 29, 2024
भारत में जितनी भी ट्रेनें पटरी से उतरी हैं, वो एक खास समुदाय के लोगों ने किया है,ये स्लीपर सेल आतंकवादियों का है और राजनीतिक स्लीपर सेल राहुल गांधी की जुबान चुप… pic.twitter.com/bCnBstoWzn
इस महीने की शुरुआत में, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 24 साल के एक लड़के को ट्रैक पर विभिन्न वस्तुएं रखकर ट्रेन की आवाजाही में बाधा डालने के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की ओर से उसके खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज किए जाने के बाद 1 अगस्त को उसे गिरफ्तार कर लिया गया था. कई वायरल वीडियो में उसे रेलवे ट्रैक पर गैस सिलेंडर, सिक्के, ईंटें आदि जैसी वस्तुएं रखते हुए भी दिखाया गया था.
इसके बाद 18 अगस्त को मध्य प्रदेश के कछपुरा रेलवे स्टेशन के पास ट्रैक पर लोहे की रॉड और अन्य वस्तुएं मिलीं थीं. इस रूट से गुजर रही नैनपुर-जबलपुर पैसेंजर स्पेशल ट्रेन का इंजन उस वस्तु से टकरा गया था. हालांकि, ट्रेन पटरी से नहीं उतरी थी.
23 अगस्त को उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में रेलवे ट्रैक के पास लकड़ी का एक टुकड़ा मिला, जिसके कारण कई ट्रेनें देरी से चलीं.
रेल दुर्घटनाओं को लेकर विपक्ष के हमले का सामना कर रहे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि रेलवे हर घटना की विस्तृत जांच कर रहा है और दावा किया कि ट्रेनों के पटरी से उतरने की हालिया घटनाओं में कुछ परेशान करने वाली प्रवृत्तियां सामने आई हैं.
वैष्णव की ये टिप्पणी उस समय आई जब वे रेलवे पटरियों पर पत्थर और छड़ रखे जाने के कारण ट्रेनों के पटरी से उतरने की घटनाओं पर सवालों का जवाब दे रहे थे. वैष्णव ने 28 अगस्त को कहा कि कुछ घटनाओं में कुछ परेशान करने वाली प्रवृत्तियां हैं, जिन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए.
कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में मंत्री ने कहा कि रेलवे और रक्षा ऐसे संगठन हैं जिन्हें राजनीति से ऊपर होना चाहिए. मेरा मानना है कि रेलवे को राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का विषय नहीं बनाया जाना चाहिए. वैष्णव ने ये भी कहा कि रेलवे देश की जीवन रेखा है और अगर कुछ भी नकारात्मक होता है, तो यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए कि ट्रेनें बहुत कुशल तरीके से चलें.
एक अलग सवाल के जवाब में अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे ने पिछले वर्ष के दौरान मौजूदा नेटवर्क में 5,300 किलोमीटर रेलवे लाइनें जोड़ी हैं. वैष्णव ने कहा कि 10 साल पहले, रेलवे में औसत निर्माण गति चार किलोमीटर प्रति दिन थी. आज, ये 14.5 किलोमीटर प्रति दिन है. उन्होंने कहा कि सभी स्वीकृत रेलवे परियोजनाएं अगले पांच वर्षों में पूरी हो जाएंगी.