Jammu Kashmir News: क्या उमर-फारूख अब्दुल्ला ने खेला था डबल गेम? जानें, गुलाम नबी आजाद के आरोपों में कितना दम
Article 370: गुलाम नबी आजाद के आरोपों पर फारूख अब्दुल्ला ने अपनी प्रतिक्रिया दी और उनके आरोपों को बेबुनियाद बताया. उन्होंने कहा कि मैं पीएम मोदी से रात के अंधेरे में क्यों मिलूंगा?
Article 370: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के चीफ गुलाम नबी आजाद ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा है कि आर्टिकल 370 को लेकर उमर और फारूख अब्दुल्ला ने डबल गेम खेला था. आजाद ने दावा किया कि भले ही पिता-पुत्र की जोड़ी जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाए जाने का विरोध करते थे, लेकिन वे इसके समर्थन में थे. उन्होंने कहा कि दोनों पिता-पुत्र अक्सर रात को पीएम मोदी से मुलाकात करते हैं.
आजाद ने कहा कि दोनों पिता-पुत्र की कथनी और करनी में काफी अंतर है. ये घाटी में कुछ और बोलते हैं, जबकि दिल्ली जाते ही कुछ और बोलने लग जाते हैं. आजाद ने कहा कि उमर और फारूख, दोनों नेता पीएम मोदी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी अक्सर रात के अंधेरे में मुलाकात करते हैं, ताकि ये दोनों मीडिया की नजरों से बच सके. अगर वे दिन में पीएम मोदी या अमित शाह से मुलाकात करेंगे, दो मीडिया और लोगों की नजरों में आ जाएगा, जिसके बाद उनसे तमाम तरह के सवाल भी पूछे जाएंगे.
आजाद का दावा- आर्टिकल 370 के हटने की पहले से थी उमर-फारूख को जानकारी
इंडिया टुडे से बातचीत में गुलाम बनी आजाद ने दावा किया कि जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 के हटने के की जानकारी उमर और फारूख अब्दुल्ला को पहले से थी. उन्होंने कहा कि दोनों पिता-पुत्र और पीएम मोदी के बीच 3 अगस्त 2019 को एक मीटिंग हुई थी. मीटिंग के दौरान अब्दुल्ला को आर्टिकल 370 के हटाए जाने की जानकारी दी गई थी.
कांग्रेस के पूर्व दिग्गज आजाद ने ये भी दावा किया कि केंद्र सरकार ने उमर और फारूख को आर्टिकल 370 के हटाए जाने से पहले ही भरोसे में ले लिया था. उन्होंने कहा कि दोनों पिता-पुत्र डबल गेम खेलते हैं. आजाद ने ये भी दावा किया कि जब भाजपा ने महबूबा मुफ्ती के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाई थी, तब फारूख अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भी भाजपा के साथ जाने की इच्छा जताई थी.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने भी किया था ये दावा
गुलाम नबी आजाद से पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता देवेंद्र सिंह राणा ने भी दावा किया था कि फारूख और उमर अब्दुल्ला चाहते थे कि भाजपा के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाई जाए. सरकार बनाने के लिए वे भाजपा के पास प्रस्ताव लेकर गए थे, लेकिन भाजपा की ओर से ऑफर को ठुकरा दिया गया.
वहीं, गुलाम नबी आजाद ने ये भी कहा कि मैं अब्दुल्ला पिता-पुत्र की तरह नहीं हूं, जिनकी कथनी और करनी में अंतर हो. उन्होंने कहा कि मैं फारूख, उमर और महबूबा की तरह कभी मंदिर नहीं जाता. मैं हिंदुओं को खुश करने के लिए ऐसा कभी नहीं कर सकता. वोट के लिए मैं ये सब नहीं कर सकता हूं. उन्होंने ये भी कहा कि हिंदुओं की बात छोड़िए मैं अपनी कौम को खुश करने के लिए उनके गलत कामों में हामी नहीं भर सकता.
उमर अब्दुल्ला ने आजाद के आरोपों पर किया पलटवार
गुलाम नबी आजाद के आरोपों पर पलटवार करते हुए उमर अब्दुल्ला ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उमर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा- वाह भाई वाह गुलाम नबी आज़ाद, आज इतना गुस्सा. वह गुलाम कहां है जो 2015 में जम्मू-कश्मीर में राज्यसभा सीटों के लिए हमसे भीख मांग रहा था? अब्दुल्ला को 370 के बारे में पता था, फिर भी हमें PSA समेत 8 महीने से अधिक समय तक हिरासत में रखा गया और आप आजाद थे. अब्दुल्ला गुप्त रूप से मिलते हैं? फिर भी मेरे पिता को सरकारी बंगले से बाहर कर दिया गया, जबकि आपका बंगला बना रहा.
अब्दुल्ला कश्मीर में कुछ और कहते हैं और दिल्ली में कुछ और? इस आरोप पर उमर ने पलटवार करते हुए कहा कि फिर भी प्रधानमंत्री राज्यसभा में आपके लिए रोते हैं और हर भाषण में हमारी आलोचना करते हैं. आइए उस पद्म पुरस्कार को न भूलें जिसके लिए आप कांग्रेस छोड़ने और चिनाब घाटी में भाजपा की मदद करने के लिए सहमत हुए थे. कौन आज़ाद है और कौन गुलाम, समय बताएगा और लोग तय करेंगे.
गुलाम नबी आजाद ने कुछ घंटे बाद दी सफाई
पहले बयान देकर दावा और फिर उमर और फारूख अब्दुल्ला की प्रतिक्रिया के बाद गुलाम नबी आजाद ने भी सफाई दे दी. उन्होंने न्यूज एजेंसी ANI से कहा कि मैंने कभी ये दावा नहीं किया कि पीएम मोदी से मुलाकात करने के लिए फारूक अब्दुल्ला जाते थे. मैंने ये कहा था कि मुझे सूत्रों के जरिए पता चला था कि फारूक अब्दुल्ला, मोदी और शाह से रात के अंधेरे में मुलाकात करना चाहते हैं, वो भी सिर्फ रात में.