GBS Cases Pune: पुणे में Guillain-Barré Syndrome (GBS) का प्रकोप बढ़ रहा है. महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग ने रविवार को जानकारी दी कि पुणे में GBS के कुल मामले 101 तक पहुंच गए हैं, जिनमें 28 नए मामलों की पुष्टि हुई है. इनमें से एक संदिग्ध मौत सोलापुर में दर्ज की गई है.
GBS एक दुर्लभ लेकिन इलाज योग्य बीमारी है. यह तब होती है जब शरीर का इम्यून सिस्टम, किसी बैक्टीरिया या वायरस से लड़ते हुए, गलती से नसों पर हमला कर देता है. इससे कमजोरी, लकवा और अन्य लक्षण हो सकते हैं. 80% मरीज इलाज के बाद छह महीने के भीतर फिर से चलने में सक्षम हो जाते हैं. लेकिन कुछ मरीजों को पूरी तरह ठीक होने में एक साल या उससे ज्यादा का समय लग सकता है.
GBS का इलाज काफी महंगा है. मरीजों को इम्युनोग्लोबुलिन (IVIG) इंजेक्शन दिए जाते हैं. हर इंजेक्शन की कीमत लगभग ₹20,000 होती है. एक मरीज को 13 इंजेक्शनों की जरूरत हो सकती है. पुणे के तीन प्रमुख अस्पतालों ने 10 जनवरी को 26 GBS मरीजों के भर्ती होने की सूचना दी. 19 जनवरी तक यह संख्या बढ़कर 73 हो गई. अभी तक 16 मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं.
GBS के बढ़ते मामलों के बीच, अधिकारियों ने पुणे के पानी के सैंपल लिए. खड़कवासला डैम के पास एक कुएं में E. coli बैक्टीरिया की हाई मात्रा पाई गई. हालांकि, यह साफ नहीं है कि यह कुआं इस्तेमाल हो रहा था या नहीं. नागरिकों को पानी उबालकर पीने और खाना गर्म करने की सलाह दी गई है.
GBS के कई मामलों में Campylobacter jejuni नामक बैक्टीरिया पाया गया है. यह बैक्टीरिया गंभीर संक्रमण का कारण बनता है और GBS के एक-तिहाई मामलों के लिए जिम्मेदार है. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पुणे में GBS के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुफ्त इलाज की घोषणा की. पिंपरी-चिंचवड़ के मरीजों का इलाज YCM अस्पताल में होगा. पुणे नगर निगम के मरीजों का इलाज कमला नेहरू अस्पताल में होगा. ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को ससून अस्पताल में मुफ्त इलाज मिलेगा.
अब तक 25,578 घरों का सर्वे किया गया है. स्वास्थ्य अधिकारी लगातार मरीजों की पहचान और संक्रमण के कारणों की जांच कर रहे हैं. GBS के बढ़ते मामलों से लोगों में डर है, लेकिन समय पर इलाज से इस बीमारी से उबरा जा सकता है. सरकार की मुफ्त इलाज की योजना राहत देने वाली है.