राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संदेशखाली मामले पर अपनी रिपोर्ट में कई बड़े खुलासे किए हैं. शनिवार को जारी एक रिपोर्ट में आयोग ने टीएमसी कार्यालय में महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार का जिक्र किया है. रिपोर्ट की कॉपी में लिखा गया है कि कम से कम दो महिलाओं ने टीम को बताया कि उनके साथ तृणमूल नेताओं ने "सामूहिक बलात्कार" किया, लेकिन पुलिस को घटना की रिपोर्ट करने से इनकार कर दिया.
इस रिपोर्ट में एनएचआरसी ने टीएमसी नेताओं शिबू प्रसाद हाजरा, उत्तम सरदार और अमीर अली गाजी को नामित किया है, जिन्होंने कथित तौर पर पार्टी के मजबूत नेता शेख शाहजहां के निर्देशों और संरक्षण के तहत काम किया था. 11 पन्नों की रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रामीण शुरू में डर के कारण अपनी आपबीती बताने से मना कर दिया. हालांकि, तालमेल बनाने और उनका विश्वास हासिल करने के बाद उन्होंने टीएमसी के नेताओं के अत्याचार के बारे में बताया.
इसमें कहा गया है कि पार्टी मीटिंग और स्वयं सहायता समूहों की बैठक के बहाने नामित कथित आरोपी गांव की महिलाओं को टीएमसी पार्टी कार्यालय में बुलाया. वे महिलाओं को देर रात तक कार्यालय में बिठाते थे और अभद्र एवं गंदी भाषा का प्रयोग करते थे. युवा और अच्छी दिखने वाली महिलाओं को विशेष रूप से निशाना बनाया गया. उन्हें संदेशखाली स्थित टीएमसी कार्यालय के कमरे के अंदर ले जाया गया और उनका यौन शोषण/सामूहिक बलात्कार किया गया. अन्य महिलाएं से भोजन बनाने, कार्यालय की सफाई और तालाबों की सफाई जैसे काम करवाए गए.
एनएचआरसी ने 21 फरवरी को पश्चिम बंगाल के सुंदरबन के सुदूर गांव संदेशखाली में मानवाधिकार उल्लंघन की मीडिया रिपोर्टों पर स्वत: संज्ञान लिया था. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कई महिलाओं ने अपनी नाबालिग बेटियों को उनकी सुरक्षा के लिए संदेशखाली से दूर अपने रिश्तेदारों के साथ रहने के लिए भेज दिया है.