Future of AAP: 'AAP' के सामने संकट, चुनावी कैंपेन पर 'ग्रहण', जानें- क्या हैं विकल्प?

Future of AAP: ईडी ने शराब घोटाले मामले में मनीष सिसोदिया और संजय सिंह के बाद अब अरविंद केजरीवाल पर अपना शिकंजा कस दिया. सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी से आम आदमी पार्टी के सामने अब तक का सबसे बड़ा राजनीतिक संकट खड़ा हो गया है. पार्टी के कई प्रमुख नेताओं के जेल में होने का कारण सवाल उठने लगे हैं कि दिल्ली की सरकार अब कैसे चलेगी और 'आप' का क्या होगा.

India Daily Live

Future of AAP: आम आदमी पार्टी की लगातार मुश्किलें बढ़ती जा रही है. लोकसभा चुनाव के ठीक पहले 'आप' संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद पार्टी के सामने चुनौती और बढ़ गई है. पार्टी के वरिष्ठ नेता सत्येंद्र जैन, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह पहले से ही जेल में हैं. ऐसे में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पार्टी के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है. शराब घोटाले केस में  ईडी की यह 16वीं गिरफ्तारी है.

लोकसभा चुनाव ठीक पहले अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से आम आदमी पार्टी के सामने बड़ा राजनीतिक संकट खड़ा कर सकता है. अबतक के आंकड़े के मुताबिक आम आदमी पार्टी दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, गुजरात और असम में फिलहाल 22 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी के सबसे बड़े नेता और स्टार प्रचारक हैं.

AAP के चुनावी कैंपेन पर ग्रहण

ऐसे में अगर अरविंद केजरीवाल लंबे समय तक जेल में रहते हैं तो पार्टी का चुनावी कैंपेन लड़खड़ा सकता है और इसका AAP प्रदर्शन पर भी पड़ सकता है. इतना ही नहीं अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी इंडिया गठबंधन के लिए भी किसी बड़े झटके से कम नहीं है क्योंकि आम आदमी पार्टी NDA गठबंधन के खिलाफ बने INDIA गठबंधन का महत्वपूर्ण हिस्सा है.

अरविंद केजरीवाल ही सबसे बड़े नेता

'मैं भी केजरीवाल' का नारा देने वाली आप के लिए अरविंद केजरीवाल ही सर्वमान्य और सबसे बड़े नेता है. सत्येंद्र जैन, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह के जेल होने के कारण पार्टी के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है. जानकारों की मानें तो 2012 में पार्टी की स्थापना के बाद से अब तक का ये सबसे बड़ा संकट है. हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से आम आदमी पार्टी को जनता की सहानुभूति मिल सकती है.

केजरीवाल जेल से चलाएंगे सरकार ?

खबरें आ रही है कि अगर अरविंद केजरीवाल को तत्काल राहत नहीं मिलने पर वो जेल से ही दिल्ली की सरकार चलाएंगे. दरअसल शराब घोटाला मामले पहले मनीष सिसोदिया और फिर संजय सिंह के ED के रडार पर आने के बाद आशंका थी कि इसकी आंच केजरीवाल तक आ सकती है. ऐसे में आम आदमी पार्टी ने पहले ही एक कैंपेन चला कर जनता से राय मांगी थी कि अगर केजरीवाल गिरफ्तार होते हैं तो क्या वो जेल से सरकार चला सकते हैं.

कोर्ट की मंजूरी होगी जरूरी

इस पर उन्हें जनता का साथ मिला था. अब उसी कैंपेन का हवाला देकर पार्टी का कहना है कि केजरीवाल जेल से भी कानूनी रूप से सरकार चला सकते हैं. वहीं कानून के जानकारों का कहना है कि कोर्ट से मंजूरी के बाद केजरीवाल जेल से कैबिनेट की मीटिंग करने के साथ-साथ जरूरी सरकारी कागजों पर भी दस्तख्त कर सकेंगे.

राष्ट्रपति शासन का विकल्प

वहीं कानून के अन्य जानकारों के कहना है कि केजरीवाल के लिए जेल से सरकार चलाना मुमकिन नहीं होगा. यूनियन टेरिटरी होने के कारण दिल्ली के उपराज्यपाल की सिफारिश पर राष्ट्रपति केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटा सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो दिल्ली में राष्ट्रपति शासन भी लागू हो सकता है. अगर ऐसी स्थिति बनती है आम आदमी पार्टी फिर कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा सकती है.

सुनीता, आतिशी या सौरभ किसे मिलेगा कमान ?

वहीं इस बात की भी संभावना है कि अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री की पद से इस्तीफा दे दें और उनकी गौर मौजूदगी में उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल, कैबिनेट मंत्री आतिशी या फिर सौरभ भारद्वाज में से किसी एक को दिल्ली सरकार की कमान संभालने के लिए दे दी जाए.