Lok Sabha Elections 2024: देश के हर नागरिक के लिए चुनाव वो पर्व है जिसमें उनकी राजनीतिक भागीदारी के हक को इस्तेमाल करने का मौका मिलता है. इसे देखते हुए हर राजनीतिक पार्टी अपने वोटर्स को लुभाने के लिए भी कोई कसर नहीं छोड़ती है फिर चाहे वो सोशल मीडिया का सहारा लेकर ही क्यों न किया जाए.
कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन में भी इस बार प्रचार का एक नया तरीका देखने को मिला है जिसमें यूपी बिहार के मतदाताओं को लुभाने के लिए वो बिरहा के गीतों का खूब इस्तेमाल कर रहे हैं. बिरहा लोकगीतों की ऐसी विधा है जो पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और मध्यप्रदेश में काफी लोकप्रिय हैं जिसका इस्तेमाल आमतौर पर अलगाव की पीड़ा बताने के लिए किया जाता है.
कांग्रेस ने जब अपना न्याय पत्र रिलीज किया तो उसमें भी उसने बिरहा गीतों का जिक्र करते हुए यूपी और बिहार के भोजपुरी बेल्ट में मतदाताओं से चुनाव के लिए इंडिया गठबंधन का समर्थन करने का आग्रह किया गया है. चुनाव प्रचार में इस्तेमाल किया जाने वाला बिरहा सबसे नया तरीका है जिसकी 4 प्रमुख शैलियों खड़ी (परंपरा), मुकाबला (प्रतियोगिता), नौटंकी (कहानी कहना) और फिल्मी (सिनेमा शैली) में लिखे गाने सोशल मीडिया पर धूम मचा रहे हैं.
इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर इन गानों को खूब पसंद किया जा रहा है जिसमें बेरोजगारी, पेपरलीक, धर्म, संविधान, प्राइवेटाइजेशन, खेती की बढ़ती लागत, बिजली, पीडीएस प्रणाली में भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों की बात की गई है और अब ये बिरहा के गीत पूर्वी यूपी में चुनाव अभियानों में काफी लोकप्रिय हो रहे हैं. उदाहरण के लिए, 'आटा और डेटा मुफ्त मिलेगा, शुद्ध दाल और रिफाइंड मिलेगा, इंडिया गठबंधन के जिताई दा… एक लाख हर साल मिलेगा..खटाखट-खटाखट"
ये गाना इंस्टाग्राम पर लोगों के बीच काफी मशहूर हो रहा है और ये कांग्रेस के न्याय पत्र में शामिल किए गए गारंटी की भी बात करता है. वहीं एक अन्य गीत भोजपुरी बेल्ट में वोटर्स के लिए एक सीधी सलाह है – 'चुनाव में बदल देना है सरकार को, आना पड़ेगा यूपी बिहार को; INDIA के सब ही लगावेला जयकारा, सबसे प्यारा है गठबंधन हमारा.'
गौरतलब है कि चुनावी अभियान अपने आखिरी पड़ाव पर है और युवाओं के बीच बिरहा का बढ़ता खुमार इंडिया गठबंधन को नई उम्मीदें दे रहा है, हालांकि सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले यूजर्स की बात करें तो इसका केवल एक हिस्सा ही 18 या उससे ज्यादा उम्र के वर्ग से आता है और इसके चलते वोटर्स के प्रभावित होने की उम्मीदें कम नजर आती हैं. लेकिन इसके बावजूद अगर ये वोटर्स इंडिया गठबंधन के लिए वोट में कन्वर्ट हो जाते हैं तो चुनाव प्रचार की स्ट्रैटेजी के हिसाब से बड़ी कामयाबी होगी.
4 जून को भले ही नतीजे कुछ भी आए लेकिन बिरहा के गानों के इस्तेमाल ने आगामी चुनावों में लोकगीतों और उनके इस्तेमाल को एक बार फिर से प्रासंगिक बना दिया है, बस इस दौरान जरूरत होगी कि पुरानी रेसिपी को नए फ्लेवर में परोसने का तरीका बेहतरीन करना होगा.