भारत के पूर्व रिजर्व बैंक (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'प्रधान सचिव-2' नियुक्त किया गया है. केंद्रीय सरकार के एक सर्कुलर में कहा गया, "कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने श्री शक्तिकांत दास, भारतीय प्रशासनिक सेवा (सेवानिवृत्त) को प्रधानमंत्री का प्रधान सचिव-2 नियुक्त करने को मंजूरी दी है, जो उनके कार्यालय संभालने की तारीख से प्रभावी होगा.
प्रधान सचिव-2 के रूप में शक्तिकांत दास की नियुक्ति
शक्तिकांत दास की यह नियुक्ति प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ "समाप्त" होगी या फिर जब तक कोई अगला आदेश न हो, यह निर्णय लिया गया है. इस मामले में आदेश शनिवार (22 फरवरी) को विभागीय कार्मिक प्रशिक्षण (DoPT) द्वारा जारी किया गया है. उनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ या अगले आदेश तक जारी रहेगी.
Former RBI Governor Shaktikanta Das, appointed as Principal Secretary-2 to Prime Minister Narendra Modi. pic.twitter.com/uUWt7SfLjj
— ANI (@ANI) February 22, 2025
जानिए शक्तिकांत दास का करियर और अनुभव?
बता दें कि, आरबीआई के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास, जो 1980 बैच के तमिलनाडु कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी हैं, दिसंबर 2018 में रिजर्व बैंक के गवर्नर बने थे और पिछले साल उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया था. रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में छह साल के अपने कार्यकाल में, उन्हें कई वैश्विक आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ा, जिनमें कोविड-19 महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसी अस्थिरताएँ शामिल थीं.
प्रधान सचिव-2 के रूप में दास की भूमिका
प्रधान सचिव-2 के रूप में शक्तिकांत दास का कार्य महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी सहयोगी होंगे और उन्हें सरकारी नीतियों और फैसलों में योगदान देना होगा. प्रिंसिपल सेक्रेटरी-2 के रूप में शक्तिकांत दास का कार्य प्रधानमंत्री के फैसलों को बेहतर ढंग से लागू करना और विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों का मार्गदर्शन करना होगा. उनका कार्यकाल मोदी सरकार के महत्वकांक्षी योजनाओं के कार्यान्वयन में अहम साबित होगा.
जानें कौन हैं पूर्व RBI गवर्नर शक्तिकांत दास?
शक्तिकांत दास, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 25वें गवर्नर के रूप में 11 दिसंबर, 2018 को उर्जित पटेल के स्थान पर नियुक्त हुए थे. उनकी नियुक्ति के साथ ही, भारत के केंद्रीय बैंक की दिशा में महत्वपूर्ण बदलाव की उम्मीदें जताई गई थीं. गवर्नर के रूप में उनकी जिम्मेदारियाँ पहले से कहीं ज्यादा चुनौतीपूर्ण थीं, क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था कई कठिन दौरों से गुजर रही थी, जिनमें वैश्विक आर्थिक उतार-चढ़ाव, आंतरिक वित्तीय संकट और महामारी के प्रभाव शामिल थे.
आर्थिक मामलों के सचिव के रूप में दिया था योगदान
रिजर्व बैंक के गवर्नर बनने से पहले, शक्तिकांत दास ने भारत सरकार में आर्थिक मामलों के सचिव के रूप में महत्वपूर्ण कार्य किए. उन्होंने 27 नवंबर, 2017 से 11 दिसंबर, 2018 तक इस पद पर कार्य किया, जहां उनके नेतृत्व में विभिन्न आर्थिक सुधारों और नीतियों की दिशा तय की गई.
इसके अलावा, उन्होंने G20 में भारत के शेरपा के रूप में भी अपनी भूमिका निभाई, जहां उन्होंने भारत के वित्तीय और आर्थिक दृष्टिकोण को वैश्विक मंच पर पेश किया. यह उनका वैश्विक आर्थिक मामलों में गहरा अनुभव था, जिसने उन्हें RBI गवर्नर के पद के लिए एक उपयुक्त उम्मीदवार बना दिया था.