समर्थकों संग BJP में शामिल हुए चंपई सोरेन, शिवराज सिंह चौहान ने किया स्वागत

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता चंपई सोरेन शुक्रवार को अपने समर्थकों के साथ बीजेपा में शामिल हो गए. रांची में एक कार्यक्रम के दौरान चंपई सोरेन ने बीजेपी की सदस्यता दी. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीजेपी में चंपई सोरेन का स्वागत किया.

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India Daily Live

Ranchi News: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता चंपई सोरेन शुक्रवार को अपने समर्थकों के साथ बीजेपा में शामिल हो गए. रांची में एक कार्यक्रम के दौरान चंपई सोरेन ने बीजेपी की सदस्यता दी. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीजेपी में चंपई सोरेन का स्वागत किया. इस दौरान असम के सीएम हेमंत बिस्वा सरमा भी मौजूद थे.

जेएमएम के संस्थापक शिबू सोरेन के बेहद करीबियों में शामिल रहे चंपनी ने बुधवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. अपने स्तीफे में चंपई ने लिखा था, 'मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मुझे जेएमएम से इस्तीफा देना पड़ेगा. यह पार्टी  मेरे लिए मेरे परिवार की तरह थी...पिछली कुछ घटनाओं ने मुझे बड़े दुख के साथ यह कदम उठाने पर मजबूर किया...मुझे बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि पार्टी अपने सिद्धांत से भटक गई है.'
 

राज्य के 26 प्रतिशत वोट पर बीजेपी की नजर
चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने को बीजेपी के लिए एक बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है जो झारकंड के आदिवासी इलाके में पैर जमाने की कोशिश कर रही है जहां अनुसूचित जाति के लगभग 26 प्रतिशत मतदाता है.

किस बात से नाराज थे चंपई 

बता दें कि 31 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा सीएम हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किए जाने और उनके इस्तीफे के बाद चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया गया था, लेकिन जब को  28 जून को जमानत मिली तो उन्होंने चंपई सोरेन को सीएम पद से हटा दिया और खुद मुख्यमंत्री बन गए जबकि ऐसा कहा जा रहा था कि चंपई चाहते थे कि विधानसभा चुनावों तक उन्हें ही मुख्यमंत्री बने रहने दिया जाए. इस बात से नाराज होकर चंपई ने बीजेपी का दामन थाम लिया. 

JMM के बड़े नेताओं में होती थी चंपई की गिनती

चंपई की गिनती जेएमएम के बड़े नेताओं में होती थी. वह जब से विधानसभा का चुनाव लड़े केवल एक बार हारे. चंपई का साथ आने बीजेपी के लिए कितना फायदेमंद साबित होगा यह तो विधानसभा चुनाव के बाद ही पता चलेगा.