गिरफ्तारी के 19 महीने बाद कोविड-19 जंबो सेंटर के पूर्व डीन को जमानत मिली
बंबई हाई कोर्ट ने मुंबई के दहिसर इलाके में स्थित कोविड-19 जंबो सेंटर के पूर्व डीन डॉ. किशोर बिसुरे को बुधवार को जमानत दे दी. बिसुरे को महामारी के दौरान कथित अनियमितताओं के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2023 में गिरफ्तार किया था.
बंबई हाई कोर्ट का बड़ा फैसला आया. बंबई हाई कोर्ट ने मुंबई के दहिसर इलाके में स्थित कोविड-19 जंबो सेंटर के पूर्व डीन डॉ. किशोर बिसुरे को बुधवार को जमानत दे दी. यह फैसला डॉ. बिसुरे के लिए एक बड़ी राहत है, महामारी के दौरान हुई गड़बड़ियों के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने 2023 में इन लोगों को गिरफ्तार किया था.
डॉ. बिसुरे पर आरोप है कि उन्होंने मुंबई में कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए बनाए गए एक अस्पताल में फर्जी दस्तावेज तैयार करने के लिए पैसे लिए थे. यह आरोप बहुत गंभीर है और अगर यह साबित हो जाता है तो डॉ. बिसुरे को कड़ी सजा हो सकती है.
न्यायमूर्ति मिलिंद एन जाधव की एकल पीठ ने बुधवार को कहा कि डॉ. बिसुरे को 19 जुलाई 2023 को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह हिरासत में हैं. अदालत ने कहा कि मुकदमे में कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है और मामले में आरोप भी अभी तय नहीं किए गए हैं.
जमानत की शर्तें:
उच्च न्यायालय ने वरिष्ठ चिकित्सक को एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत देते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष को मामले में 82 गवाहों से जिरह करनी है, जिससे "निकट भविष्य में मुकदमे का निष्कर्ष निकालना असंभव है." यह फैसला डॉ. बिसुरे के लिए एक बड़ी राहत है, लेकिन उन्हें अभी भी मुकदमे का सामना करना पड़ेगा.
मामले की जांच:
इस मामले की जांच अभी भी जारी है और अभियोजन पक्ष को डॉ. बिसुरे के खिलाफ आरोपों को साबित करना होगा. यह मामला बहुत महत्वपूर्ण है और इसके परिणाम से न केवल डॉ. बिसुरे के भविष्य पर असर पड़ेगा, बल्कि यह मामला भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है.