menu-icon
India Daily

हरियाणा के 5 बार के CM, 7 बार विधायक और तिहाड़ के सबसे उम्रदराज कैदी, ओम प्रकाश चौटाला किसी पहेली से नहीं थे कम

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) के प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला का शुक्रवार को निधन हो गया. हरियाणा की जाट-किसान राजनीति को आकार देने वाले चौटाला 89 वर्ष के थे. इस तरह पांच बार मुख्यमंत्री रहे चौटाला दिल्ली की तिहाड़ जेल के सबसे बुजुर्ग कैदी बन गए.

auth-image
Edited By: Mayank Tiwari
Om Prakash Chautala
Courtesy: Social Media

Om Prakash Chautala: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला का शुक्रवार (20 दिसंबर) को निधन हो गया. हरियाणा की राजनीति को आकार देने वाले जाट-किसान नेता 89 वर्ष के थे. 5 बार हरियाणा के सीएम और 7 बार विधायक रहे चौटाला ने एक दशक से ज्यादा समय दिल्ली की तिहाड़ जेल में बिताया.

हालांकि, चौटाला 2021 में कोविड महामारी के दौरान भीड़भाड़ से बचने के लिए रिहा किए गए कैदियों में से थे, लेकिन मई 2022 में उन्हें एक अन्य मामले में जेल भेज दिया गया. उस समय पांच बार सीएम रहे 87 वर्षीय चौटाला ने तिहाड़ जेल के सबसे बुजुर्ग कैदी होने का गौरव हासिल किया था.

5 बार हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की संभाली जिम्मेदारी

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शिक्षक भर्ती घोटाले में ओपी चौटाला और उनके बेटे अजय को जेल भेजा जाना भारत के पूर्व उप प्रधानमंत्री और सम्मानित जाट नेता चौधरी देवीलाल के परिवार के नेताओं के लिए एक बड़ी गिरावट थी. चौटाला दिसम्बर 1989 से मई 1990 तक, 12 जुलाई 1990 से 17 जुलाई 1990 तक, 22 मार्च 1991 से 6 अप्रैल 1991 तक और आखिर में 24 जुलाई 1999 से 5 मार्च 2005 तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे.

हरियाणा में जाट राजनीति को आकार देने में प्रमुख जाट नेता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसकी 27% आबादी कृषि समुदाय से संबंधित है. पांच बार मुख्यमंत्री के रूप में, उन्होंने कृषि हितों के लिए आवाज़ उठाई और जाटों के बीच जातिगत एकजुटता का इस्तेमाल किया. इंडियन नेशनल लोक दल (आईएनएलडी) के उनके नेतृत्व ने राजनीति में जाटों के राजनीतिक प्रभाव को मजबूत किया, जिसने सत्ता और ग्रामीण सशक्तिकरण की विरासत बनाई.

आखिर ओपी चौटाला को तिहाड़ जेल क्यों जाना पड़ा?

तिहाड़ में रहने वाले करीब 19,000 कैदियों में वह सबसे बुजुर्ग थे. मई 2022 में आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआई कोर्ट ने उन्हें दोषी करार देते हुए चार साल कैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने उन पर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. इसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने अगस्त 2022 में चौटाला को इस मामले में दी गई चार साल की सजा को निलंबित कर दिया.

जेल के इन रिकॉर्ड के अनुसार, वह तिहाड़ में 80 साल से ज्यादा की उम्र के 7 कैदियों में से एक थे. अपनी सज़ा से पहले, हत्या के मामले में दोषी ठहराए गए 85 साल के शख्स तिहाड़ में सबसे बुजुर्ग थे. उन्हें एक बिस्तर आवंटित किया गया, जैसा कि 70 साल से ज्यादा की उम्र के सभी लोगों को दिया जाता है.

कोर्ट ने 2013 में सुनाई थी ओपी चौटाला को 10 साल की सजा

हालांकि,इससे पहले नई दिल्ली की एक कोर्ट ने 2013 में चौटाला और उनके बेटे अजय सिंह चौटाला को 10 साल की कैद की सजा सुनाई थी. चौटाला को 1999-2000 में जूनियर बेसिक टीचर्स (जेबीटी) भर्ती घोटाले में 3,000 से ज्यादा अयोग्य शिक्षकों की अवैध भर्ती का दोषी पाया गया था.फरवरी 2021 में उन्हें 10 साल की जेल की सजा में से साढ़े 9 साल की सजा काटने के बाद तिहाड़ से रिहा कर दिया गया. महामारी के कारण तिहाड़ में भीड़भाड़ से बचने के लिए उन्हें रिहा किया गया था.