पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी होंगी दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता, AAP ने किया ऐलान
आतिशी ने विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी सौंपने के लिए केजरीवाल और AAP को धन्यवाद दिया और कहा कि वह दिल्ली की महिलाओं को 2,500 रुपये प्रति माह देने के भाजपा के चुनावी वादे को पूरा करने के लिए लड़ेंगी.
पूर्व मुख्यमंत्री और आप नेता आतिशी को रविवार को पार्टी विधायकों ने दिल्ली विधानसभा में विपक्ष का नेता चुना. वह सदन में विपक्ष की पहली महिला नेता हैं. आम आदमी पार्टी विधायक दल की बैठक में आतिशी को सर्वसम्मति से विपक्ष का नेता चुना गया. दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के खिलाफ एक मजबूत महिला चेहरे के रूप में उनका नाम प्रस्तावित किया गया. आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल और पार्टी के 22 विधायक - जिनमें कालकाजी विधायक आतिशी भी शामिल हैं - बैठक में शामिल हुए.
विपक्ष के नेता के रूप में आतिशी की पदोन्नति इस तथ्य को देखते हुए महत्वपूर्ण है कि हाल ही में हुए चुनाव में केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सौरभ भारद्वाज सहित आप के शीर्ष नेता अपनी-अपनी सीटों से हार गए थे. आतिशी ने विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी सौंपने के लिए केजरीवाल और आप को धन्यवाद दिया और कहा कि वह दिल्ली की महिलाओं को 2,500 रुपये प्रति माह देने के भाजपा के चुनावी वादे को पूरा करने के लिए लड़ेंगी.
केजरीवाल ने दी बधाई
उन्होंने लिखा, दिल्ली की जनता ने हमें विपक्ष की भूमिका सौंपी है और एक मजबूत विपक्ष के तौर पर हम यह सुनिश्चित करेंगे कि भाजपा सरकार दिल्ली की जनता से किए गए अपने सभी वादे पूरे करे. आप सदन में जनता के मुद्दों को पूरी ताकत से उठाएगी. दिल्ली और दिल्लीवासियों के अधिकारों की लड़ाई जारी रहेगी. घोषणा के बाद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, "मैं आतिशी जी को सदन में आप का नेता चुने जाने पर बधाई देता हूं. आप दिल्ली के लोगों के हित में रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी."
केजरीवाल की जेल के दौरान वह दिल्ली में आप सरकार का चेहरा बन गई थीं और कई मुद्दों पर भाजपा और कांग्रेस पर निशाना साध रही थीं. 2020 में दक्षिणी दिल्ली के कालकाजी से चुनी गईं आतिशी ने पांच फरवरी के विधानसभा चुनाव में पूर्व भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद अपनी सीट बरकरार रखी. बिधूड़ी अपने विवादास्पद बयानों के लिए जाने जाते हैं.
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत
दिल्ली विधानसभा चुनाव में 70 में से 48 सीटें जीतकर भाजपा ने आप को सत्ता से बाहर कर दिया . 2015 और 2020 में शानदार जीत दर्ज करने वाली केजरीवाल की पार्टी इस बार सिर्फ 22 सीटें ही जीत पाई. कांग्रेस लगातार तीसरी बार अपना खाता खोलने में विफल रही. दिल्ली विधानसभा का पहला सत्र 24 फरवरी से शुरू होगा. तीन दिवसीय सत्र के दौरान सत्तारूढ़ भाजपा सरकार ने कहा है कि पिछली आप सरकार के प्रदर्शन पर लंबित कैग रिपोर्ट सदन में पेश की जाएगी.