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'आपका सालों से इंतजार था', रेड मारने आए ईडी के अधिकारियों से क्यों बोले पूर्व सीएम बघेल?

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव भूपेश बघेल ने यह भी कहा, "उनके द्वारा एक माहौल बनाया गया कि नोट गिनने की मशीनें लाई गई हैं. मुझे यह बहुत बड़ी राशि नहीं लगती.

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Edited By: Mayank Tiwari
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
Courtesy: X@bhupeshbaghel

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार (10 मार्च) को अपने निवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा की गई छापेमारी पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, "मैं अखबार पढ़ रहा था और चाय पी रहा था, जब ED की टीम घर पर आई. इस दौरान मैंने उनका स्वागत किया और कहा कि मैं उनका महीनों और सालों से इंतजार कर रहा था.

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने आगे बताया, "मेरे घर में मेरी पत्नी, तीन बेटियां, बेटा, बहु, पोते और पोतियां रहती हैं. हम खेती करते हैं. हमारे पास 140 एकड़ ज़मीन है और इसी में हम खेती करते हैं. हमारे पास वही था जो हमने घोषित किया था. ED ने उसकी जांच की अलग-अलग लोगों से, मेरी पत्नी, बेटे, बहु और बेटियों से लगभग 33 लाख रुपये नकद पाए गए. हम खेती करते हैं और हमारे पास डेयरी भी है. इसमें स्त्रीधन भी शामिल था. हमने उन्हें लिखित में बताया कि हमारे घर से 30-33 लाख रुपये मिले हैं.

"नोट गिनने की मशीनें लाई गईं, लेकिन मुझे यह बड़ी रकम नहीं लगती"- भूपेश बघेल

भूपेश बघेल ने यह भी कहा, "उनके द्वारा एक माहौल बनाया गया कि नोट गिनने की मशीनें लाई गई हैं. मुझे यह बहुत बड़ी राशि नहीं लगती. अब यह साफ हो गया है कि विधानसभा में सवाल पूछना अपराध बन गया है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, "कावासी लखमा ने सवाल पूछा और ED उनके घर में 8 दिन के अंदर पहुंच गई. वह 8 दिन में जेल में थे. मैंने विजय शर्मा से गरीबों के लिए आवास के बारे में पूछा, और चौथे दिन ED मेरी घर पर आ गई.

मेरे घर में ED को तीन चीजें मिली- भूपेश बघेल

पूर्व सीएम बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट की. जिसमें उन्होंने कहा कि फिलहाल, ED घर से चली गई है. मेरे घर में उनको तीन चीजें मिली हैं. जिनमें पहली मंतूराम और डॉ पुनीत गुप्ता (डॉ रमन सिंह जी के दामाद) के बीच करोड़ों के लेनदेन की बातचीत की पेनड्राइव. इसके अलावा दूसरी डॉ रमन सिंह जी के पुत्र अभिषाक सिंह की सेल कंपनी के कागज. साथ ही तीसरी पूरे संयुक्त परिवार में खेती, डेयरी, स्त्रीधन, “कैश इन हैंड”. ऐसे में मिलाकर लगभग 33 लाख रुपए, जिनका हिसाब उनको दिया जाएगा मुख्य बात यह है कि ED के अधिकारी कोई ECIR नंबर नहीं दे पाए हैं.