ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने रविवार को दक्षिण मुंबई स्थित पारसी जिमखाना का दौरा किया और क्रिकेट खेलकर अपने दिन का आनंद लिया. इस दौरान उन्होंने अपने क्रिकेट प्रेम को जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें खुशी है कि वह ज्यादा बार आउट नहीं हुए.
ऋषि सुनक ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा, 'टेनिस बॉल क्रिकेट के खेल के बिना मुंबई की कोई भी यात्रा पूरी नहीं होती."उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पारसी जिमखाना क्लब के वार्षिकोत्सव में शामिल होकर उन्हें बेहद खुशी हुई. उन्होंने इस प्रतिष्ठित क्लब की ऐतिहासिक उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा, "यह एक असाधारण उपलब्धि है. इतना इतिहास और आगे भी बहुत कुछ रोमांचक होने वाला है. मैं आज सुबह ज्यादा समय तक बाहर नहीं निकल पाया, लेकिन इस तरह की और यात्राओं की प्रतीक्षा कर रहा हूं.'
No trip to Mumbai would be complete without a game of tennis ball cricket. pic.twitter.com/UNe6d96AFE
— Rishi Sunak (@RishiSunak) February 2, 2025
पारसी जिमखाना का गौरवशाली इतिहास
पारसी जिमखाना की स्थापना 25 फरवरी, 1885 को हुई थी. इसके संस्थापक अध्यक्ष प्रसिद्ध उद्योगपति सर जमशेदजी जीजीभॉय थे, जबकि चेयरमैन की भूमिका जमशेदजी टाटा ने निभाई थी. इस प्रतिष्ठित क्लब को 1887 में मुंबई के सुरम्य मरीन ड्राइव क्षेत्र में स्थानांतरित किया गया था। यह न केवल पारसी समुदाय के लिए बल्कि पूरे भारत में क्रिकेट और अन्य खेलों के लिए एक ऐतिहासिक स्थल के रूप में जाना जाता है।
ऋषि सुनक की भारत यात्रा
ऋषि सुनक का यह दौरा उनकी भारत यात्रा का हिस्सा था, जिसमें उन्होंने कई महत्वपूर्ण बैठकों और कार्यक्रमों में भाग लिया। भारतीय मूल के ब्रिटिश नेता होने के नाते, सुनक का भारत से एक गहरा भावनात्मक जुड़ाव है, जिसे वे बार-बार व्यक्त करते रहते हैं. ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री का पारसी जिमखाना दौरा उनकी खेल प्रेमी छवि को दर्शाता है। क्रिकेट के प्रति उनका यह उत्साह भारत और ब्रिटेन के बीच सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूत करने का संकेत देता है।