भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शुक्रवार (7 फरवरी) को बताया कि अमेरिका ने 487 भारतीय नागरिकों के खिलाफ निर्वासन आदेश जारी किया है. इन व्यक्तियों के बारे में कहा जा रहा है कि इन्हें अमेरिका से निर्वासित किया जा सकता है. यह जानकारी विदेश सचिव ने एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान दी, जिसमें उन्होंने बताया कि भारतीय सरकार इस मामले को लेकर अमेरिकी प्रशासन से लगातार संपर्क में है. उनका कहना था कि जिन भारतीयों को अवैध प्रवासी पाया जाएगा, उन्हें सुरक्षित तरीके से भारत भेजने के लिए पूरी कोशिश की जा रही है.
अमेरिकी प्रशासन से जारी संवाद
विदेश सचिव ने कहा कि भारतीय सरकार स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए है और अमेरिकी अधिकारियों के साथ मिलकर इन नागरिकों से संबंधित समस्याओं का समाधान ढूंढने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा, "अमेरिकी अधिकारियों द्वारा हमें जो मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) बताई गई है, उसके तहत हम लगातार संवाद बनाए हुए हैं. यह प्रक्रिया काफी समय से लागू है.
अवैध प्रवासियों के साथ दुर्व्यवहार की चिंता
विक्रम मिस्री ने अवैध भारतीय प्रवासियों के निर्वासन से जुड़े दुर्व्यवहार की खबरों पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने इसे एक "वैध चिंता" बताया और कहा कि भारतीय सरकार इस मुद्दे को अमेरिकी अधिकारियों के सामने उठाएगी. उन्होंने यह भी कहा, "हम किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार को गंभीरता से लेंगे और जहां भी ऐसी घटनाएं सामने आएंगी, हम कार्रवाई करेंगे. अवैध प्रवासन को बढ़ावा देने वाले तंत्र के खिलाफ भी कार्रवाई की आवश्यकता है."
प्रधानमंत्री मोदी का आगामी अमेरिकी दौरा
इस बीच, विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को घोषणा की कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले सप्ताह अमेरिका यात्रा पर जाएंगे. प्रधानमंत्री मोदी 12-13 फरवरी को वाशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे.
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पत्रकारों से कहा, "प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका यात्रा पर जाने वाले पहले कुछ विश्व नेताओं में से होंगे, जो राष्ट्रपति ट्रंप के शपथ ग्रहण के बाद अमेरिका पहुंचेंगे. मिस्री ने यह भी कहा कि यह यात्रा दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूत करने का एक सुनहरा अवसर होगा.
भारत-अमेरिका के रिश्तों में मजबूती
विक्रम मिस्री ने भारत और अमेरिका के रिश्तों को एक "मजबूत अंतरराष्ट्रीय साझेदारी" के रूप में बताया और कहा, "प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा हमारे नए प्रशासन के साथ लगातार जुड़ाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा