संकट की घड़ी में म्यांमार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है भारत: विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री ने म्यांमार की इस त्रासदी पर अपनी चिंता जताई और कहा कि भारत इस मुश्किल समय में म्यांमार के लोगों और सरकार को हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है.
दिल्ली से विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि म्यांमार में कल एक भीषण भूकंप ने तबाही मचाई. इस प्राकृतिक आपदा से जान-माल का भारी नुकसान होने की खबरें हैं. इस त्रासदी के तुरंत बाद, भारत के प्रधानमंत्री ने अपनी चिंता व्यक्त की और म्यांमार के लोगों व सरकार को हर संभव सहायता देने की तत्परता जताई.
भूकंप से म्यांमार में भारी तबाही
जायसवाल ने कहा कि म्यांमार में आए इस विनाशकारी भूकंप ने व्यापक स्तर पर प्रभाव डाला है. कई लोगों की जान गई और संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा. इस संकट की घड़ी में भारत ने तुरंत प्रतिक्रिया दी. प्रवक्ता ने बताया, "हमारे प्रधानमंत्री ने म्यांमार की इस त्रासदी पर अपनी चिंता जताई और कहा कि भारत इस मुश्किल समय में म्यांमार के लोगों और सरकार को हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है."
प्रधानमंत्री का म्यांमार के नेता से संवाद
आज प्रधानमंत्री ने म्यांमार के वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग से फोन पर बात की. इस दौरान उन्होंने भारत की जनता और सरकार की ओर से जान गंवाने वालों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की. जायसवाल ने उद्धृत किया, "प्रधानमंत्री ने कहा, 'हम म्यांमार की सरकार और लोगों के साथ एकजुटता से खड़े हैं और इस आपदा से निपटने के लिए राहत, बचाव और जो भी सहायता जरूरी होगी, उसे प्रदान करने की पूरी कोशिश करेंगे.'" इस संवाद में भारत ने म्यांमार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई.
भारत की सहायता का वादा
इस आपदा के बाद भारत ने म्यांमार को राहत और पुनर्वास में मदद का भरोसा दिलाया है. विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि भारत इस संकट में म्यांमार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा. यह कदम दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों को भी दर्शाता है.