Himanta Biswa Sarma: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को घोषणा की कि राज्य में आधार कार्ड के लिए सभी नए आवेदकों को अब राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी NRC की रसीद संख्या देनी होगी. इसके बिना आधार कार्ड नहीं बनेगा. इस ऐलान के बाद से अब असम में आधार कार्ड बनवाना आसान नहीं होगा.
न्यूज एजेंसी पीटीआई असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के हवाले से कहा, "आधार कार्ड के लिए आवेदनों की संख्या जनसंख्या से अधिक है. यह दर्शाता है कि राज्य में अवैध संदिग्ध नागरिक हैं और हमने निर्णय लिया है कि नए आवेदकों को अपना NRC आवेदन रसीद नंबर देना होगा."
आधार कार्ड बनवाने को लेकर नए नियम पर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि इस कदम में राज्य में घुसपैठियों की संख्या में कमी आएगी. साध ही अवैध रूप से कोई भी विदेशी नागरिग में घुस नहीं पाएंगे. नए नियम से कोई फर्जी तरीके से आधार कार्ड भी नहीं बनवा पाएगा.
असम के कुछ विशेष ज़िलों में जनसंख्या से अधिक लोगों ने आधार कार्ड का आवेदन किया। इसीलिए हम उन्हें आधार कार्ड देंगे जिसके पास NRC नंबर हो, ताकि घुसपैठियों को नागरिकता ना मिले। #Clause6Implementation pic.twitter.com/Qp8urA7oR8
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) September 7, 2024
इसके लिए एक एसओपी भी तैयार की जाएगी. इस नियम को 1 अक्टूबर से लागू किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर की आवेदन रसीद संख्या जमा करने से "अवैध विदेशियों की आमद" रुकेगी और राज्य सरकार आधार कार्ड जारी करने में "बहुत सख्त" होगी.
मुख्यमंत्री ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "असम में आधार प्राप्त करना आसान नहीं होगा और उम्मीद है कि अन्य राज्य भी आधार कार्ड जारी करने में सख्त होंगे. यह नियम उन 9.55 लाख लोगों पर लागू नहीं होगा जिनके बायोमेट्रिक्स एनआरसी प्रक्रिया के दौरान लॉक कर दिए गए थे और उन्हें उनके कार्ड मिल जाएंगे."
पिछले दो महीनों में असम में विदेशी नागरिकों के घूसपैठी की समस्या तेजी से बढ़ी है. इसे लेकर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि राज्य सरकार अवैध विदेशी नागरिकों की पहचान में तेजी लाएगी. पिछले दो महीनों में कई बांग्लादेशियों को पकड़ा गया और पड़ोसी देश के अधिकारियों को सौंप दिया गया.