भारत में बेवजह होर्न बजाने की समस्या है. लोग सड़क पर जानबूझकर पर हॉन्क करते हैं. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को घोषणा की कि वह वाहनों के हॉर्न के रूप में भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों की ध्वनि के उपयोग को अनिवार्य करने वाला कानून लाने पर विचार कर रहे हैं.
एक कार्यक्रम में बोलते हुए गडकरी ने कहा कि इसका उद्देश्य बांसुरी, तबला, वायलिन और हारमोनियम जैसी ध्वनियों का उपयोग करके वाहनों के हॉर्न को अधिक मधुर बनाना है. उन्होंने यह भी बताया कि देश के वायु प्रदूषण के लिए परिवहन क्षेत्र 40% जिम्मेदार है. इससे निपटने के लिए मोदी सरकार वाहनों के लिए मेथनॉल और इथेनॉल जैसे हरित और जैव ईंधन को अपनाने को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही है.
तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार बन गया भारत
गडकरी ने भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग की ताकत पर भी प्रकाश डाला और कहा कि देश दोपहिया वाहनों और कारों के निर्यात से महत्वपूर्ण राजस्व अर्जित करता है. उन्होंने बताया कि 2014 में 14 लाख करोड़ रुपये का उद्योग अब बढ़कर 22 लाख करोड़ रुपये का हो गया है. इसके अलावा, उन्होंने घोषणा की कि भारत जापान को पीछे छोड़कर विश्व में तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार बन गया है जो केवल संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन से पीछे है.
वित्त वर्ष 2025 में यात्री वाहन खंड ने घरेलू और निर्यात दोनों बाजारों में प्रभावशाली प्रदर्शन किया, जो उपयोगिता वाहन (यूवी) की बिक्री में निरंतर वृद्धि से प्रेरित था. सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (एसआईएएम) के आंकड़ों के अनुसार, पीवी सेगमेंट ने वित्त वर्ष 25 में 43,01,848 इकाइयों के साथ अपनी अब तक की सबसे अधिक वार्षिक घरेलू बिक्री दर्ज की, जो वित्त वर्ष 24 में 42,18,750 इकाइयों की तुलना में 1.97% की साल-दर-साल वृद्धि को दर्शाती है.